लखनऊ, 30 मार्च : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) 2017 में जीती गई सभी 312 सीटों को बरकरार रखने की रणनीति बना रही है. इतना ही नहीं, पार्टी को जिन 84 सीटों पर हार मिली थीं, उसे भी जीतने पर ध्यान दे रही है. पार्टी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों (Assembly election) में 2017 के अपने प्रदर्शन में सुधार को लेकर उत्सुक है. यह भी पढ़े: Assembly Elections 2021: राहुल, प्रियंका असम और केरल में आज से शुरू करेंगे चुनाव प्रचार
2017 में, भाजपा ने अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ 325 और व्यक्तिगत रूप से 312 सीटें जीती थीं.
पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, "पार्टी की निगाहें इस समय सभी 403 सीटों पर है। यदि हम 312 जीत सकते हैं, तो हम सभी 403 जीत क्यों नहीं जीत सकते."
भाजपा अब इन सीटों पर अपनी हार के कारणों का विश्लेषण करने के बाद शेष 84 सीटों के लिए रणनीति बनाने में व्यस्त है.
पदाधिकारी ने कहा कि इन 84 सीटों में से प्रत्येक में पिछले चुनाव में पार्टी के खराब या कमजोर होने का एक या उससे अधिक कारण हो सकते हैं. हम जीत का मार्ग प्रशस्त करने पर काम कर रहे हैं.
पार्टी ने कम से कम छह महीने पहले ही इन सीटों के लिए नेताओं की प्रतिनियुक्ति कर ली है. वरिष्ठ नेताओं को इन 'कमजोर' क्षेत्रों की जिम्मेदारी सौंपी गई है और इन सीटों पर पार्टी के संगठन को मजबूत करने पर ध्यान दिया जाएगा.
पार्टी की योजना है कि इन सीटों वाले क्षेत्र के लोगों के साथ संवाद बढ़ाया जाए और भाजपा के बारे में उनकी गलतफहमियों को दूर किया जाए.
यह आगामी पंचायत चुनावों के साथ इन सीटों पर अपने प्रदर्शन को देखेगा और फिर 'कमजोर' चीजों की पहचान करेगा.
दिलचस्प बात यह है कि इन 84 सीटों में 2017 में इसके सहयोगी दल अपना दल द्वारा जीती गई नौ सीटें शामिल हैं. हालांकि अपना दल अभी भी भाजपा का सहयोगी है, पार्टी 2017 में उसके द्वारा जीती सीटों पर काम कर रही है, जिससे भाजपा-अपना दल गठबंधन के भविष्य के बारे में अटकलों को हवा मिल रही है.