लोकसभा चुनाव में हार के बाद उपेंद्र कुशवाहा को बड़ा झटका, दो विधायक और एक MLC जेडीयू में शामिल
बिहार (Bihar) विधानसभा के स्पीकर ने दोनों विधायकों को जेडीयू में शामिल होने की इजाजत दे दी. इसी के साथ RLSP के विधायक दल का जेडीयू विधायक दल में विलय हो गया. RLSP के खाते में मात्र दो ही विधायक थे जो अब जेडीयू में शामिल हो गए हैं.
लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में मिली करारी हार के बाद बिहार में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के नेता उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) को रविवार को एक और बड़ा झटका लगा. उनकी पार्टी के दोनों विधायकों और एक विधानपार्षद ने सत्तारूढ़ दल जेडीयू में शामिल हो गए. बता दें कि बिहार विधानसभा में RLSP के खाते में मात्र दो ही विधायक थे जो अब जेडीयू में शामिल हो गए हैं.
बिहार (Bihar) विधानसभा के स्पीकर ने दोनों विधायकों को जेडीयू में शामिल होने की इजाजत दे दी. इसी के साथ RLSP के विधायक दल का जेडीयू विधायक दल में विलय हो गया. साल 2014 के चुनाव में आरएलएसपी के तीन सांसद थे लेकिन 2019 आते-आते पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ही अपनी पार्टी के इकलौते सांसद रहे जबकि उनके दोनों बाकी सांसदों अरूण कुमार और राम कुमार शर्मा ने मतभेदों के कारण पार्टी का साथ छोड़ दिया था.
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बिहार विधानसभा में विधायकों की संख्या में आरजेडी के 80, जेडीयू के 71, आरएलएसपी के दो, हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (हम) के एक और अन्य 7 विधायक हैं. आरएलएसपी के दो विधायको के जेडीयू में शामिल होने के बाद जेडीयू विधायकों की संख्या बढ़कर 73 हो गई है.
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी की स्थापना उपेंद्र कुशवाहा ने 2013 में जेडीयू से अलग होने के बाद की थी. राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने 2014 में बीजेपी के साथ मिलकर लोकसभा का चुनाव लड़ा था और अपनी तीनों सीट पर विजय पाई थी. उपेंद्र कुशवाहा को केंद्र में राज्य मंत्री बनाया गया था.
साल 2019 के चुनाव में कुशवाहा की सीटों के बंटवारे को लेकर एनडीए से नहीं बनी और वे महागठबंधन का हिस्सा बन गए. इस चुनाव में महागठबंधन की तरफ से उन्हें पांच सीटें दी गईं लेकिन पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई. उपेंद्र कुशवाहा ने खुद दो सीटों से चुनाव लड़ा जहां वे दोनों सीटों से हार गए.