Bihar Elections Model Code of Conduct: बिहार में आदर्श आचार संहिता लागू, अब नेताओं पर EC रखेगी पैनी नजर- जानें पूरा नियम
भारतीय निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव 28 अक्टूबर से 7 नवंबर तक कुल तीन चरणों में होगी.
What is Model Code of Conduct: भारतीय निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा (Sunil Arora) ने बताया कि बिहार (Bihar) विधानसभा चुनाव 28 अक्टूबर से 7 नवंबर तक कुल तीन चरणों में होगी. पहले चरण में 16 जिलों के 71 विधानसभा क्षेत्र, दूसरे चरण में 17 जिलों के 94 विधानसभा क्षेत्रों और तीसरे चरण में 15 जिलों के 78 विधानसभा क्षेत्रों में वोट डाले जाएंगे. जबकि वोटों की गिनती 10 नवंबर को होगी. भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त के बिहार विधानसभा चुनाव 2020 का कार्यक्रम घोषित करते ही राज्य में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई है. Bihar Assembly Elections 2020: बिहार में बजा चुनावी बिगुल, NDA ने जीत के लिए ठोकी ताल तो महागठबंधन ने कही ये बात
चुनाव योग के मुताबिक आदर्श आचार संहिता का मुख्य उदेश्य स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करान होता है. कही भी आचार संहिता लागू होते ही शासन और प्रशासन में कई अहम बदलाव हो जाते हैं. नेताओं और राजनितिक पार्टियों के साथ ही सरकार पर भी बंदिशे लागू हो जाती है. चुनाव योग के पास इसका उल्लंघन अकरने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भी अधिकार है. आईये विस्तार से समझते है क्या है चुनाव आयोग द्वारा बनाए गया आदर्श आचार संहिता?
सामान्य आचरण
- कोई दल या अभ्यर्थी ऐसी किसी गतिविधि में शामिल नहीं होगा जिससे भिन्न जातियों और धार्मिक या भाषायी समुदायों के बीच विद्यमान मतभेद अधिक गंभीर हो सकते हैं या परस्पर नफ़रत हो सकती है या तनाव पैदा हो सकता है.
- यदि राजनीतिक दलों की आलोचना की जाए, तो यह उनकी नीतियों और कार्यक्रमों, गत रिकॉर्ड और कार्य तक ही सीमित रखी जाएगी. दलों और अभ्यर्थियों को अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं की सार्वजनिक गतिविधियों से असंबद्ध निजी जीवन के सभी पहलुओं की आलोचना करने से बचना होगा. असत्यापित आरोपों या मिथ्या कथन के आधार पर अन्य दलों या उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना करने से बचना होगा.
- मत प्राप्त करने के लिए जाति या संप्रदाय की भावनाओं के आधार पर कोई अपील नहीं की जाएगी. मस्जिदों, चर्चों, मंदिरों और पूजा के अन्य स्थलों को निर्वाचन प्रचार के मंच के रूप में प्रयुक्त नहीं किया जाएगा.
- सभी दल और अभ्यर्थी ऐसी सभी गतिविधियों से ईमानदारी से परहेज करेंगे जो निर्वाचन विधि के अधीन "भ्रष्ट आचरण" एवं अपराध हैं जैसे कि मतदाताओं को घूस देना, मतदाताओं को डराना-धमकाना, मतदाताओं का प्रतिरूपण, मतदान केंद्रों से 100 मीटर की दूरी के अंतर्गत प्रचार करना, मतदान समाप्त होने के लिए निर्धारित समय के समाप्त होने वाले 48 घंटों की अवधि के दौरान सार्वजनिक सभाएं आयोजित करना और मतदाताओं को मतदान केन्द्रों तक ले जाने और वापस लाने के लिए परिवहन और वाहन उपलब्ध कराना.
- हर व्यक्ति के शांतिपूर्ण और बाधारहित घरेलू जीवन के अधिकार का सम्मान किया जाएगा, फिर चाहे राजनीतिक दल और अभ्यर्थी उनकी राजनीतिक राय या गतिविधियों से कितने भी अप्रसन्न हों. किसी भी परिस्थिति में उनकी राय अथवा गतिविधियों के खिलाफ विरोध जताने के लिए व्यक्तियों के घर के सामने प्रदर्शन आयोजित करने या धरना देने का सहारा नहीं लिया जाएगा.
- कोई भी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी अपने अनुयायियों को किसी भी व्यक्ति की अनुमति के बिना उसकी भूमि, भवन, परिसर की दीवारों इत्यादि पर झंडा लगाने, बैनर लटकाने, सूचना चिपकाने, नारा लिखने इत्यादि की अनुमति नहीं देगा.
- राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उनके समर्थक अन्य दलों द्वारा आयोजित सभाओं और जुलूसों में बाधा खड़ी नही करेंगे या उन्हें भंग नहीं करेंगे. किसी राजनैतिक दल के कार्यकर्ता या समर्थक अन्य राजनीतिक दल द्वारा आयोजित सार्वजनिक सभा में मौखिक या लिखित रूप में सवाल पूछकर या अपने दल के पर्चे बाँटकर बाधा उत्पन्न नहीं करेंगे. किसी दल द्वारा उन स्थानों के आसपास जुलूस न निकाला जाए जहाँ अन्य दल की सभाएं आयोजित हो रही हैं. किसी दल के कार्यकर्ता अन्य दल के कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए पोस्टर नहीं हटाएंगे.
सत्ताधारी दल-
केंद्र या राज्य या संबंधित राज्यों का सत्ताधारी दल यह सुनिश्चित करेगा कि इस वजह से शिकायत का अवसर न दिया जाए कि उन्होंने अपने निर्वाचन अभियान के प्रयोजनार्थ अपनी आधिकारिक स्थिति का उपयोग किया है और विशेष रूप से:–
- मंत्री अपने सरकारी दौरों को निर्वाचन संबंधी कार्यों के साथ नहीं जोड़ेंगे और साथ ही निर्वाचन संबंधी कार्यों के दौरान सरकारी मशीनरी या कर्मचारियों का उपयोग नहीं करेंगे. जबकि सत्ताधारी दल के हित को बढ़ावा देने के लिए सरकारी विमानों, वाहनों सहित सरकारी परिवहन, मशीनरी और कर्मचारियों का उपयोग नहीं करेंगे.
- निर्वाचन के संबंध में निर्वाचन सभाएं आयोजित करने के लिए मैदानों इत्यादि जैसे सार्वजनिक स्थानों और हवाई उड़ानों के लिए हेलीपैड्स के उपयोग पर किसी का एकाधिकार नहीं होगा. अन्य दलों और अभ्यर्थियों को उन्हीं नियमों और शर्तों पर ऐसे स्थानों और सुविधाओं का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी जिन नियमों और शर्तों पर सत्ताधारी दल इनका उपयोग करता है.
- विश्राम गृहों, डाक बंगलों या अन्य सरकारी आवासों पर सत्ताधारी दल या उसके अभ्यर्थी का एकाधिकार नहीं होगा और अन्य दलों और अभ्यर्थियों को निष्पक्ष ढंग से इन आवासों का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी किन्तु कोई भी दल या अभ्यर्थी इन आवासों (उसके अंतर्गत मौजूद परिसरों सहित) का उपयोग अभियान कार्यालय के रूप में या निर्वाचन प्रचार के प्रयोजनार्थ कोई सार्वजनिक सभा आयोजित करने के लिए नहीं करेगा या ऐसा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
- सार्वजनिक राजकोष की लागत पर समाचार पत्रों और अन्य मीडिया में विज्ञापन प्रकाशित करने और निर्वाचन अवधि के दौरान पक्षपातपूर्ण कवरेज के लिए राजनीतिक समाचारों की सरकारी मास मीडिया का दुरुपयोग और सत्ताधारी दल की संभावनाओं को बढ़ाने की दृष्टि से उनकी उपलब्धियों के संबंध में प्रचार करने से सावधानीपूर्वक बचेंगे.
- मंत्री और अन्य प्राधिकारी आयोग द्वारा निर्वाचनों की घोषणा के समय से विवेकाधीन निधियों से अनुदानों/भुगतानों की संस्वीकृति प्रदान नहीं करेंगे.
- आयोग द्वारा निर्वाचनों की घोषणा के समय से, मंत्री और अन्य प्रधिकारी -
(क) किसी भी रूप में कोई वित्तीय अनुदान या इससे संबंधित प्रतिज्ञाओं की घोषणा नहीं करेंगे.
(ख) किसी भी प्रकार की परियोजनाओं या योजनाओं का शिलान्यास इत्यादि नहीं रखेंगे (सरकारी कर्मचारियों के अलावा).
(ग) सड़कों के निर्माण, पेय जल की सुविधाओं के प्रावधान इत्यादि का कोई वचन नहीं देंगे.
(घ) सरकारी, सार्वजनिक उपक्रमों इत्यादि में कोई तदर्थ नियुक्ति नहीं करेंगे जिससे मतदाताओं पर सत्ताधारी दल के पक्ष में प्रभाव पड़ता हो.
- केन्द्र या राज्य सरकार के मंत्री बतौर अभ्यर्थी या मतदाता या प्राधिकृत अभिकर्ता की हैसियत के अतिरिक्त किसी मतदान केन्द्र या मतगणना के स्थान में प्रवेश नहीं करेंगे.
मतदान दिवस-
- शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित मतदान और मतदाताओं को किसी भी तरह से परेशान किए बिना या कोई अड़चन पैदा किए बिना उन्हें अपने मताधिकार का उपयोग करने की पूरी स्वतंत्रता का सुनिश्चय करने के लिए निर्वाचन ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों के साथ सहयोग करेंगे.
- अपने प्राधिकृत कार्यकर्ताओं को उचित बैज और पहचान पत्र प्रदान करेंगे.
- इस बात पर सहमति देंगे कि उनके द्वारा मतदाताओं को प्रदान की गई पहचान पर्ची सादे (सफ़ेद) कागज पर होगी और उस पर कोई प्रतीक, अभ्यर्थी का नाम या दल का नाम नहीं होगा.
- मतदान के दिन और इससे अड़तालीस घंटे पहले शराब देने या बांटने से दूर रहेंगे.
- राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों द्वारा मतदान बूथों के पास लगाए गई शिविरों के निकट अनावश्यक भीड़ इकट्ठा नहीं होने देंगे ताकि दलों के कार्यकर्ताओं और समर्थकों और अभ्यर्थियों के मध्य टकराव और तनाव से बचा जा सके.
- सुनिश्चित करेंगे कि अभ्यर्थी के शिविर साधारण होंगे. वे कोई पोस्टर, झंडा, प्रतीक, या कोई अन्य प्रचार सामग्री प्रदर्शित नहीं करेंगे. कोई खाद्य सामग्री परोसी नहीं जाएगी अथवा भीड़ को शिविर में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
- मतदान के दिन वाहनों के यातायात पर लगाए जाने वाले प्रतिबंधों के अनुपालन में प्राधिकारियों का सहयोग करेंगे और उनके लिए अनुज्ञापत्र प्राप्त करेंगे जो उन वाहनों पर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित होने चाहिए. पूरी आदर्श आचार संहिता पढ़ने के लिए यहां क्लीक करें
उल्लेखनीय है कि मतदान के दिन वोटर को छोड़कर, ऐसा कोई व्यक्ति मतदान बूथ के भीतर प्रवेश नहीं कर सकता है जिसके पास निर्वाचन आयोग का कोई मान्य पास नहीं है. इन नियम की अनदेखी करने वालों के खिलाफ चुनाव आयोग कड़ी कार्रवाई कर सकता है.