Bihar Assembly Elections 2020: बिहार के ये युवा क्या बदलेंगे सूबे की सियासी तस्वीर, दिग्गजों से है टक्कर, नौजवानों की बन सकते हैं आवाज

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अब तक तारीखों की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन राज्य में राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप की बयानबाजी अपने चरम पर पहुंच गया. इस दौरान बिहार में हमेशा की तरह पोस्टर वार भी शुरू है. बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार कुछ युवा नेता को अपनी पार्टी की पूरी जिम्मेदारी निभानी है तो कुछ नेता इस चुनाव के माध्यम से सियासी इंट्री भी करेंगे. लेकिन इन नेताओं को उन मंझे हुए राजनीति खिलाड़ियों के बीच अपनी पैठ बनानी होगी. जिन्होंने बिहार में एकछत्र राज किया है. इनमें तेजस्वी प्रताप, उनके भाई तेज प्रताप यादव, पुष्पम प्रिया चौधरी, ऐश्वर्या राय, चिराग पासवान का नाम शामिल है. इन युवा नेताओं को अपने लिए सियासी अखाड़ा तैयार करना होगा. जिसमें वो लंबे समय तक विरोधी दलों के नेताओं को पटखनी दे सकें.

चुनाव में जीत के लिए लड़ेंगे सियासी जंग ( फोटो क्रेडिट- Facebook PTI IANS )

Bihar Assembly Elections 2020: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अब तक तारीखों की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन राज्य में राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप और बयानबाजी अपने चरम पर है . इस दौरान बिहार में हमेशा की तरह पोस्टर वार भी शुरू है. बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार कुछ युवा नेता को अपनी पार्टी की पूरी जिम्मेदारी निभानी है तो कुछ नेता इस चुनाव के माध्यम से सियासी इंट्री भी करेंगे. लेकिन इन नेताओं को उन मंझे हुए राजनीति खिलाड़ियों के बीच अपनी पैठ बनानी होगी. जिन्होंने बिहार में एकछत्र राज किया है. इनमें तेजस्वी प्रताप, उनके भाई तेज प्रताप यादव, पुष्पम प्रिया चौधरी, ऐश्वर्या राय, चिराग पासवान का नाम शामिल है. इन युवा नेताओं को अपने लिए सियासी अखाड़ा तैयार करना होगा. जिसमें वो लंबे समय तक विरोधी दलों के नेताओं को पटखनी दे सकें.

बिहार चुनाव में  लालू यादव के दोनों सुपुत्र तेजस्वी और तेजप्रताप यादव मैदान में हैं और पार्टी को जीत दिलाने का भी इनपर जिम्मा है. अगर इनके राजनीतिक करियर पर नजर डालें तो तेज प्रताप यादव महुआ से विधायक हैं और वे स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं. तेजप्रताप ने साल 2015 में पॉलिटिकल करियर की शुरुआत की थी. वहीं तेजस्वी यादव की बात करें तेजस्वी यादव राघोपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं और बिहार के उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं. तेजस्वी यादव को RJD का उत्तराधिकारी भी माना जाता है. तेजस्वी काफी सक्रिय नेता है और अलग-अलग मुद्दों को लेकर मौजूदा सरकार से दो दो हाथ करते रहते हैं.

वहीं, केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के बेटे चिराग पासवान की बात करें तो 2014 में उन्होंने पहली बार चुनाव लड़ा था. उन्हें भी राजनीति विरासत में मिली है. लेकिन नेता बनने से पहले चिराग पासवान अभिनेता थे. लेकिन फिल्मी दुनिया उन्हें ज्यादा रास नहीं आई और फिर उन्होंने चुनावी अखाड़ों में उतरना शुरू कर दिया. चिराग पासवान साल 2019 में भी ससंद बने. वहीं चिराग पासवान अब लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष भी हैं. इस चुनाव में उन्हें अपना दमखम दिखाना होगा. क्योंकि रामविलास पासवान की तबियत नासाज है और वे अस्पताल में इलाज करा रहे हैं. ऐसे में पार्टी की पूरी जिम्मेदारी चिराग पासवान के कंधे पर है.

इस बार के चुनाव में लालू यादव की बहू और पूर्व मंत्री चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या भी मैदान में उतरने वाली हैं. ऐसी चर्चा है कि ऐश्वर्या राय अपने पति तेजप्रताप के खिलाफ JDU से मैदान में उतर सकती हैं. फिलहाल अभी तक इसपर स्प्सेंस बरकारर है. इसके अलावा जनता दल (यूनाइटेड) के नेता विनोद चौधरी की बेटी पुष्पम प्रिया चौधरी भी मैदान में हैं. उन्होंने अपना दल भी बनाया है जिसका नाम प्लूरल्स रखा है. पुष्पम प्रिया चौधरी उस वक्त चर्चा में आई थी जब उन्होंने सीएम कैंडिडेट डिक्लेयर किया था. फिलहाल इन नेताओं को जनता कितना पसंद करने वाले हैं यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. लेकिन बिहार के सियासी गलियारे में इनकी चर्चा खूब है.

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