Bihar Assembly Election 2020: तेजस्वी यादव ने जारी किया आरजेडी का घोषणापत्र, 10 लाख युवाओं को किया नौकरी का वादा
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के मद्देनजर सूबे का सियासी पारा चढ़ा हुआ है. इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि राज्य में सीधी टक्कर नीतीश कुमार बनाम युवा तेजस्वी यादव है. सभी पार्टियां अपना घोषणापत्र जारी कर वोटरों को लुभाने की कोशिश में जुटी हुई हैं. इसी बीच राष्ट्रीय जनता दल के नेता और महागठबंधन की तरफ से सीएम उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने पार्टी का घोषणापत्र जारी किया है. 16 पन्ने के घोषणापत्र में 10 लाख नौकरियों की बात आरजेडी ने पहली कैबिनेट मीटिंग में देने की बात कही है.
पटना, 24 अक्टूबर. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 (Bihar Assembly Election 2020) के मद्देनजर सूबे का सियासी पारा चढ़ा हुआ है. इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि राज्य में सीधी टक्कर नीतीश कुमार बनाम युवा तेजस्वी यादव है. सभी पार्टियां अपना घोषणापत्र जारी कर वोटरों को लुभाने की कोशिश में जुटी हुई हैं. इसी बीच राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और महागठबंधन की तरफ से सीएम उम्मीदवार तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने पार्टी का घोषणापत्र (Manifesto) जारी किया है. 16 पन्ने के घोषणापत्र में 10 लाख नौकरियों की बात आरजेडी ने पहली कैबिनेट मीटिंग में देने की बात कही है.
तेजस्वी यादव ने घोषणापत्र जारी करते हुए कहा कि भाजपा वाले बताएं कि उनका मुख्यमंत्री का चेहरा कौन है, नीतीश कुमार हैं? नीतीश कुमार ने तो 10 लाख नौकरियों पर ही हाथ खड़े कर दिए थे कि कहां से देंगे. तो बीजेपी कहां से देगी, नेतृत्व तो नीतीश कुमार कर रहे हैं, तो ये बेवकूफ किसे बना रहे हैं. यह भी पढ़ें-Bihar Assembly Election 2020: चिराग पासवान का सीएम नीतीश कुमार पर बड़ा हमला, कहा-शराबबंदी के नाम पर बिहारियों को तस्कर बनाया जा रहा है
ANI का ट्वीट-
ज्ञात हो कि आरजेडी के घोषणापत्र में 10 लाख नौकरी देने की प्रक्रिया पहले ही कैबिनेट बैठक में हस्ताक्षर के साथ शुरू होने की बात कही गई है. आरजेडी ने अपने घोषणापत्र को 'हमारा प्रण' नाम दिया है. साथ ही पार्टी ने कहा कि घोषणापत्र में लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के विचार भी शामिल हैं.
वहीं आरजेडी ने नई उद्योगों के लिए नई नीति की बात कही है. साथ ही नए उद्योग स्थापित करने पर कोई टैक्स नहीं लिया जाएगा. संविदा शिक्षकों और उर्दू शिक्षकों का अपॉइंटमेंट स्थायी किया किया जाएगा. सूबे की जीडीपी का 22 फीसदी हिस्सा शिक्षा पर खर्च होगा.