Bihar Assembly Election 2020: बिहार में कैसे होंगी चुनावी रैलियां और कितनी जुटेगी भीड़? आयोग ने दिया जवाब
बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का शुक्रवार को ऐलान हो गया है. 28 अक्टूबर, 3 नवंबर और 7 नवंबर को तीन चरणों में मतदान के बाद कुल 243 विधानसभा सीटों के नतीजे 10 नवंबर को घोषित होंगे. कोरोना काल में पहली बार हो रहे इस विधानसभा चुनाव में क्या पहले जैसी बड़ी चुनावी रैलियां होंगी? यह सवाल हर किसी के जेहन में है.
नई दिल्ली, 25 सितंबर. बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2020) की तारीखों का शुक्रवार को ऐलान हो गया है. 28 अक्टूबर, 3 नवंबर और 7 नवंबर को तीन चरणों में मतदान के बाद कुल 243 विधानसभा सीटों के नतीजे 10 नवंबर को घोषित होंगे. कोरोना काल में पहली बार हो रहे इस विधानसभा चुनाव में क्या पहले जैसी बड़ी चुनावी रैलियां होंगी? यह सवाल हर किसी के जेहन में है. ऐसे में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा (Sunil Arora) ने भी साफ कर दिया है कि बड़ी रैलियों की अनुमति देने और न देने का फैसला जिला प्रशासन करेगा. हालांकि चुनावी रैलियों के लिए जिलावार मैदानों की लिस्ट तैयार कर ली गई है. इन मैदानों का चुनाव आयोग के अफसर दौरा कर चुके हैं.
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने शुक्रवार को चुनाव तारीखों का ऐलान करने के बाद एक सवाल के जवाब में बताया कि बड़ी चुनावी रैलियों की अनुमति का फैसला जिला प्रशासन करेगा. हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि रैलियों के आयोजनों के लिए हर जिले में कुछ मैदान चिह्न्ति कर लिए गए हैं. यह भी पढ़ें-Bihar Assembly Election 2020: बिहार विधानसभा चुनाव में 243 सीटों के लिए 1.06 लाख केंद्रों पर 7.29 करोड़ लोग डालेंगे वोट
बिहार में कुल तीन चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं. पहले चरण की 71 सीटों के लिए 28 अक्टूबर को मतदान होगा, वहीं दूसरे चरण की 94 सीटों के लिए तीन नवंबर और तीसरे चरण की 78 सीटों के लिए सात नवंबर को मतदान होंगे. सभी 243 सीटों के नतीजे 10 नवंबर को घोषित होंगे. एक अक्टूबर से पहले चरण के नामांकन की शुरूआत होगी.
रैलियों में कितने लोग रहेंगे?
उधर, चुनाव आयोग की ओर से रैलियों और जनसभाओं के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी हुए हैं. जिसके मुताबिक स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (एसडीएमए) की ओर से तय संख्या से अधिक लोग राजनीतिक दलों की रैलियों में जुट नहीं सकेंगे. चुनाव आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारी और पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी तय करते हुए कहा है कि वे अपने जिले में रैलियों के लिए ऐसा मैदान चुनेंगे, जहां एंट्री और एग्जिट की उचित सुविधा हो. लेकिन ध्यान रखा जाए कि मैदान में उतने ही लोग उपस्थित रहें, जितना कि स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी अनुमति दे. डोर टू डोर कैंपेनिंग के लिए उम्मीदवार और सुरक्षाकर्मी सहित सिर्फ पांच लोगों को अनुमति मिलेगी। मतदान केंद्र पर हर व्यक्ति मास्क पहनेगा. गेट पर थर्मल स्कैनिंग होगी.सेनिटाइजर और पानी भी उपलब्ध रहेगा.