पटना, 21 सितंबर. बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर रस्साकशी जारी है. सभी दल अधिक सीटों को लेकर दबाव बनाए हुए हैं. इसी बीच, बिहार के कांग्रेस अध्यक्ष सहित कई दिग्गज राजधानी दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं. कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के जिलावार पर्यवेक्षकों की भेजी संभावित उम्मीदवारों की सूची में से नाम तय किए जा रहे हैं.
सूत्र कहते हैं कि यह सूची पार्टी के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल द्वारा दोनों सचिव अजय कपूर और वीरेंद्र सिंह राठौर के स्तर पर फैसला के बाद स्क्रीनिंग कमिटी के माध्यम से आलाकमान को सौंपा जाएगा, इसके बाद ही कुछ तय होगा. कहा जा रहा है कि इसी सूची को लेकर बिहार प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा को भी दिल्ली बुलाया गया है, जबकि चुनाव अभियान समिति के प्रमुख अखिलेश सिंह और वरिष्ठ नेता तारिक अनवर पहले से ही दिल्ली में हैं. यह भी पढ़ें-Bihar Assembly Election 2020: तेजस्वी यादव का CM पर हमला, बोले- बिहार के लिए खरपतवार बन चुकी है नीतीश सरकार
महागठबंधन के सूत्रों का दावा है कि कांग्रेस का पिछले चुनाव की तुलना में इस चुनाव में सीट बढ़ना तय माना जा रहा है. पिछले चुनाव में कांग्रेस के हिस्से 41 सीटें आई थीं.
इधर, वामपंथी दल (भाकपा और माकपा) के नेताओं की रविवार को राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के साथ बैठक हुई थी, लेकिन सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में आठ से 10 सीटें देने की बात कही गई है, जिससे वामपंथी दलों के नेता नाराज हैं. इसे लेकर महागठबंधन में वामपंथी दलों के आने से पेच फंस गया है. इस मसले पर वामपंथी दलों के नेता अभी कुछ बोल नहीं रह रहे हैं. उनका कहना है कि अभी बातचीत चल रही है.
इधर, राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि महागठबंधन में शामिल सभी दलों के लिए सीट मायने नहीं रखती. घटक दलों के नेता कई मौके पर यह बोल भी चुके हैं. बिहार में 243 सीटों पर जिताऊ उम्मीदवार खड़े करने की बात हो रही है.