लोकसभा चुनाव 2019 से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रतीक पाटिल ने पार्टी से तोड़े संबंध

लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक बार फिर असहज स्थिति का सामना करना पड़ा. पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रतीक पाटिल (Pratik Prakashbapu Patil) ने पार्टी के साथ ‘अपने संबंध तोड़ने’ का ऐलान कर दिया...

पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रतीक पाटिल (Photo Credit- PTI)

मुंबई:  लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक बार फिर असहज स्थिति का सामना करना पड़ा. पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रतीक पाटिल (Pratik Prakashbapu Patil) ने पार्टी के साथ ‘अपने संबंध तोड़ने’ का ऐलान कर दिया. प्रतीक पाटिल कांग्रेस के कद्दावर नेता और दिवंगत मुख्यमंत्री वसंतदादा पाटिल के पोते हैं. उन्होंने हालांकि अभी अपने भविष्य की योजनाओं का ऐलान नहीं किया. साल 2014 तक कांग्रेस का गढ़ रही सांगली सीट को ‘संयुक्त प्रगतिशील महागठबंधन’ में सीट बंटवारे के समझौते के तहत राजू शेट्टी के स्वाभिमान शेतकारी पक्ष को देने का फैसला किया गया है.

इस गठबंधन में कांग्रेस, राकांपा और अन्य घटक शामिल हैं. इस निर्णय के कई दिन बाद प्रतीक पाटिल ने रविवार को पार्टी से ‘अपने संबंध’ तोड़ने के फैसले का ऐलान किया. पूर्व कोयला राज्य मंत्री कहा, ‘‘ मौजूदा माहौल में, मैं कांग्रेस के साथ नहीं रह सकता. कुछ लोग दिवंगत वसंतदादा पाटिल की विरासत को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं.’’ यह तंज जाहिर तौर पर उनके लंबे वक्त से राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी रहे और राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल और कांग्रेस विधायक विश्वजीत कदम पर था. ये दोनों ही सांगली से आते हैं.

यह भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव 2019: आप के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गांधी से की मुलाकात

पश्चिम महाराष्ट्र में पड़ने वाले सांगली में कांग्रेस का किला बीते आम चुनाव में तब ढह गया था जब पार्टी के उम्मीदवार प्रतीक पाटिल भाजपा के संजय काका पाटिल से हार गए थे. यह 1962 के बाद कांग्रेस की पहली हार थी. प्रतीक पाटिल के छोटे भाई ने भी ऐलान किया है कि अगर उन्हें कांग्रेस का समर्थन नहीं मिलता है.

तो वह निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ेंगे. संपर्क करने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, ‘‘ प्रतीक पाटिल का फैसला दुखद है, लेकिन हमें इसे मानना होगा. सांगली से चुनाव लड़ने का फैसला पहले ही हो चुका है. स्वाभिमान शेतकारी संगठन का प्रत्याशी वहां से चुनाव लड़ेगा.’’

Share Now

\