जिंदगी की जंग हार गए भारत रत्न वाजपेयी, सांस और किडनी की बीमारी से थे पीड़ित
अटल बिहारी वाजपेयी पहली बार बलरामपुर से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे. मोरारजी देसाई के साथ उन्होंने 1977 सरकार बनाई और उसमें विदेश मंत्री का पद संभाला.
नई दिल्ली: भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन हो गया है. बता दें कि अटल जी लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उनको कई बार इलाज के लिए दिल्ली के एम्स अस्पताल में लाया जाता था. वाजपेयी (93) को हाल ही में सांस और किडनी में परेशानी के कारण भर्ती कराना पड़ा. अटल बिहारी वाजपेयी काफी लंबे समय से अस्वस्थ्य चल रहे थे. बता दें कि वाजपेयी का जन्म मध्यप्रदेश के ग्वालियर में 25 दिसम्बर, 1924 को हुआ था. उनके पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी शिक्षक थे और माता कृष्णा एक गृहणी थीं. वैसे मूलत: उनका संबंध उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के बटेश्वर गांव से है लेकिन, पिता मध्य प्रदेश में शिक्षक थे. इसलिए उनका जन्म वहीं हुआ. लेकिन, उत्तर प्रदेश से उनका राजनीतिक लगाव सबसे अधिक रहा. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से वे सांसद रहे थे.
हाल ही में जब अटल जी बीमार हुए थे तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के अलावा राजनाथ सिंह समेत कई केंद्रीय मंत्री और पार्टी पदाधिकारी उन्हें देखने एम्स पहुंचे थे.
अटल बिहारी वाजपेयी पहली बार बलरामपुर से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे. मोरारजी देसाई के साथ उन्होंने 1977 सरकार बनाई और उसमें विदेश मंत्री का पद संभाला. अटल बिहारी वाजपेयी ने 16 मई 1996 में देश के 10वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. लेकिन उनकी सरकार ज्यादा नहीं चल पाई और उन्हें त्याग-पत्र देना पड़ा. जिसके बाद उन्होंने 19 मार्च, 1998 को फिर एक बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली.
बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी को 1992 में पद्म विभूषण, 1994 में लोकमान्य तिलक पुरस्कार, 1994 में श्रेष्ठ सांसद पुरस्कार, 1994 में ही गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार और 2014 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया.