Assam-Meghalaya Agreement: असम-मेघालय का 50 साल पुराना विवाद सुलझा, जानें क्या है दोनों राज्यों के सीएम के बीच हुआ समझौता

मेघालय 1972 में असम से अलग होकर एक राज्य बना था और इसने असम पुनर्गठन कानून, 1971 को चुनौती दी थी, जिससे 884.9 किलोमीटर लंबी सीमा के 12 इलाकों को लेकर विवाद पैदा हुआ था.

हिमंत बिस्वा सरमा, अमित शाह व कॉनराड कोंगकल संगमा (Photo Credit : ANI)

Assam-Meghalaya Border Agreement, दिल्ली: लंबे अरसे के बाद पूर्वोत्तर के  दो राज्यों असम और मेघायल के बीच सीमा विवाद पर जारी वार्ता सफल होती दिख रही है. असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) और मेघालय के सीएम कोनराड संगमा (Conrad Kongkal Sangma) ने 50 साल पुराने लंबित सीमा विवाद को हल करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया. इस दौरान गृह मंत्री अमितशाह (Amit Shah) भी मौजूद रहे. महबूबा मुफ्ती का बड़ा बयान, कहा- कश्मीर में शांति लाने के लिए J-K के लोगों और पाक के साथ वार्ता जरूरी

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि दोनों राज्यों के बीच 70 प्रतिशत सीमा आज विवाद (Meghalaya Assam Border Dispute) से मुक्त हो गई है. दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री ने बताया कि आगे का विवाद भी हम बातचीत के जरिए सुलझा लेंगे. असम-मेघालय के बीच कुल 884.9 किलोमीटर का बॉर्डर है. मंगलवार को दोनों राज्यों के सीएम की  बैठक में छह सीमा विवादों को सुलझा लिया गया है, जिनमें ताराबाड़ी, गिजांग, हाकिम, बोकलापाड़ा, खानपाड़ा-पिलंगकाटा और रतचेरा शामिल है.

क्या है समझौता

दोनों मुख्यमंत्रियों ने सीमा विवाद को लेकर गृह मंत्री अमित शाह को जो सिफारिशें सौंपी थीं, उसके मुताबिक कुल 36.79 वर्ग किलोमीटर जमीन में से असम अपने पास लगभग आधी यानी 18.51 वर्ग किलोमीटर विवादित जमीन रखेगा और बाकी 18.28 वर्ग किलोमीटर भूमि मेघालय को देगा.

मेघालय 1972 में असम से अलग होकर एक राज्य बना था और इसने असम पुनर्गठन कानून, 1971 को चुनौती दी थी, जिससे 884.9 किलोमीटर लंबी सीमा के 12 इलाकों को लेकर विवाद पैदा हुआ था.  सीमा विवाद को लेकर दोनों राज्यों के बीच कई बार हिंसक झड़प हुई है, जिसमें कई लोगों ने अपनी जान गवांई है.

सीमा विवाद के चलते हुई हिंसक घटनाए

14 मई 2010 को असम के कामरूप की सीमा से सटे पश्चिमी खासी हिल्स के लैंगपीह में असम पुलिस के जवानों की गोलीबारी में खासी समुदाय के चार ग्रामीण मारे गए थे, जबकि 12 घायल हो गए थे. वहीं 26 जुलाई 2021 को अब तक की सबसे भीषण हिंसा हुई थी, जिसमें असम पुलिस के छह जवानों की मौत हो गई थी और दोनों राज्यों के लगभग 100 लोग और सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे. हिमंत बिस्वा सरमा और कॉनराड कोंगकल संगमा के बीच हुए समझौते  के बाद मेघालय और असम के बीच शांती बहाल होने की उम्मीद है.

समझौते का इन पड़ेगा असर

समझौते के तहत हाहिम में मेघालय को 12 गांवों में से 11 गांव मिलेंगे. री-भोई जिले में बोकलापारा मेघालय में रहेगा. जुमरीगांव असम के पास चला जाएगा. पाथरकुची में मेघालय में ही बना रहेगा. मैखुली में मावमारी बील असम में रहेगा. कब्रिस्तान क्षेत्र मेघालय में रहेगा. पिलंगकाटा, बारापाथर और मैकोली के कुछ हिस्से मेघालय के साथ रहेंगे. खानापारा और ड्रीमलैंड रिज़ॉर्ट के असमिया बसे हुए क्षेत्र असम में जाएंगे. ब्रह्मपुत्र रीयलटर्स क्षेत्र मेघालय के पास रहेंगे. पूर्वी जयंतिया हिल्स के मालिडोर, रातचेरा और अंपायरडेट मेघालय में रहेंगे.

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