AAP को लगा एक और बड़ा झटका, आशुतोष के बाद अब आशीष खेतान ने भी छोड़ा केजरीवाल का साथ
महज दस दिनों के अंदर अरविंद केजरीवाल को एक और बड़ा झटका लगा है. दरअसल आशुतोष के बाद एक और पत्रकार आशीष खेतान ने भी आम आदमी पार्टी (आप) से नाता तोड़ दिया है. हालांकि पार्टी की तरफ से अभी इसकी कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.
नई दिल्ली: महज दस दिनों के अंदर अरविंद केजरीवाल को एक और बड़ा झटका लगा है. दरअसल आशुतोष के बाद एक और पत्रकार आशीष खेतान ने भी आम आदमी पार्टी (आप) से नाता तोड़ दिया है. हालांकि पार्टी की तरफ से अभी इसकी कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है लेकिन खेतान ने ट्वीट कर यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अब सक्रिय राजनीति से दूर हो रहे है.
आप के वरिष्ठ नेता खेतान ने हालांकि सीधे तौर पर पार्टी से इस्तीफे की बात नहीं कही है, मगर उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘मैं पूरी तरह वकालत में जुटा हूं और फिलहाल किसी भी राजनीतिक गतिविधियों में शामिल नहीं हूं. बाकी सबकुछ अटकलें है.’
इसी बीच मीडिया में इस्तीफे की खबर फैलने के बाद खेतान ने आज एक और ट्वीट कर सफाई दी है. खेतान ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि वह अप्रैल में ही दिल्ली डायलॉग कमीशन (डीडीसी) से इस्तीफा दे चुके है ताकि कानूनी पेशे से जुड़ सकें.
खेतान को आप संयोजक आयर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का बहुत करीबी बताया जाता है. उन्हें तीन साल पहले आप सरकार की सलाहकर इकाई डीडीसी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था. केजरीवाल डीडीसी के अध्यक्ष हैं.
वहीं खबरों की माने तो खेतान केजरीवाल से कई मुद्दों पर नाराज चल रहे है. खेतान ने 2014 के लोकसभा चुनाव में आप के ही टिकट पर नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ा था. लेकिन इस बार आप ने दिल्ली सरकार के वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा को खेतान की जगह नई दिल्ली लोकसभा सीट से उतारने की पेशकश की. इसी कारण खेतान ने आप से दूरी बना ली है.
वहीं खेतान के करीबी लोगों का दावा है कि वे कानून की उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाना चाहते हैं. वकालत करने के लिए ही उन्होंने दिल्ली डायलॉग कमीशन से इस्तीफा दिया था.
गौरतलब हो कि 15 अगस्त को वरिष्ठ नेता आशुतोष ने निजी कारणों का हवाला देते हुए आप छोड़ दी थी. लेकिन आप के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनके इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया है. 23 वर्षो तक पत्रकार रहने के बाद 2014 में पार्टी में शामिल होने वाले आशुतोष ने ट्वीट कर पार्टी छोड़ने की घोषणा की और समर्थन देने के लिए पार्टी का शुक्रिया अदा किया.
आशुतोष ने ट्वीट किया, "हर सफर का अंत होता है। आप के साथ मेरा सहयोग जो अच्छा और क्रांतिकारी रहा, वह भी खत्म हो गया है। मैंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है (और) इसे स्वीकार करने के लिए अनुरोध किया है."
उन्होंने कहा, "इसके पीछे पूरी तरह से व्यक्तिगत कारण हैं. पार्टी और उन लोगों को धन्यवाद, जिन्होंने मुझे पूरा समर्थन दिया। धन्यवाद." एक अन्य ट्वीट में उन्होंने मीडिया से उनकी निजता का सम्मान करने का अनुरोध किया.
आशुतोष के आप की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले ट्वीट को रीट्वीट करते हुए केजरीवाल ने कहा कि वह अपने जीवन में इस इस्तीफे को स्वीकार नहीं कर सकते. केजरीवाल ने ट्वीट किया, "हम आपका इस्तीफा कैसे स्वीकार कर सकते हैं. नहीं, इस जीवन में तो नहीं."
पूर्व पत्रकार आशुतोष ने राज्यसभा में तीन उम्मीदवारों में से दो के चयन पर नाराजगी जताई थी. एक समय दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीब नजर आने वाले आशुतोष को इसके बाद से पार्टी की अधिकांश गतिविधियों से दूर रखा जाने लगा था.