पंजाब में आंदोलनरत विभिन्न किसान संगठनों ने मंगलवार को नयी दिल्ली में कृषि कानूनों को लेकर केंद्र के साथ बुधवार को बातचीत करने का निर्णय लिया. यहां विभिन्न किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की एक बैठक में यह फैसला किया गया. भारतीय किसान यूनियन (राजेवाला) के प्रमुख बलबीर सिंह राजेवाल ने यहां मीडिया को बताया कि केंद्र के साथ बातचीत के लिए सात सदस्यीय समिति बनायी गयी है. राजेवाला ने कहा, ‘‘हमने तय किया है कि सभी किसान संगठनों के प्रतिनिधि इस बैठक में हिस्सा लेंगे. ’’
इस समति में बलबीर सिंह राजेवाला, दर्शनपाल, जगजीत सिंह डालेवाल, जगमोहन सिंह, कुलवंत सिंह, सुरजीत सिंह और सतमान सिंह साहनी शामिल किये गये हैं. सोमवार को किसान संघर्ष समिति ने केंद्रीय कृषि विभाग द्वारा 14 अक्टूबर को बुलायी गयी बैठक में नहीं जाने का निर्णय लिया था. किसान संगठनों ने पिछले सप्ताह भी आठ अक्टूबर को उनकी चिंताओं के समाधान के लिए बुलाये गये सम्मेलन में हिस्सा लेने के केंद्र के न्यौते को ठुकरा दिया था. इन संगठनों के आंदोलन से राज्य में रेल यातायात बाधित हुआ और ताप विद्युत संयंत्रों की कोयला आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुआ. यह भी पढ़े: कृषि बिलों को लेकर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने साधा निशाना, कहा- PM मोदी ‘जय जवान, जय किसान’ के बजाय ‘मारो जवान, मारो किसान’ में करते हैं विश्वास
राजेवाल ने कहा कि केंद्रीय गृह विभाग के सचिव के निमंत्रण के अनुसार केंद्र उनसे बातचीत करना चाहता है. उन्होंने कहा, ‘‘ हम जा रहे हैं, क्योंकि हम निमंत्रण को ठुकराते रहे तो वे कहेंगे कि हम किसी वार्ता के लिए तैयार नहीं हैं. हम उन्हें कोई बहाना नहीं देना चाहते. हम वहां जायेंगे.’’ पंजाब में किसान मांग कर रहे हैं कि संसद से हाल ही पारित किये गये तीनों कानून निरस्त किये जाएं.
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