महाराष्ट्र: एकनाथ शिंदे गुट (Eknath Shinde Faction) की बगावत के बाद अब ठाकरे फैमिली पार्टी बचाने की कोशिश में जुट गई है. पार्टी में पकड़ को मजबूत बनाए रखने के लिए उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और बेटे आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) ऐक्टिव हो गए हैं. आदित्य ने 'निष्ठा यात्रा' (Nishtha Yatra) निकालने का ऐलान किया है. वह शुक्रवार से यात्रा पर निकल रहे हैं ताकि पार्टी के काडर को साधा जा सके. दरअसल शिवसेना के 40 विधायकों ने बगावत करके एकनाथ शिंदे के साथ जाने का फैसला कर लिया था. इसके अलावा 16 में से 12 सांसदों के भी एकनाथ शिंदे के साथ जाने की चर्चाएं हैं. उद्धव ठाकरे को लगा एक और झटका, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समूह में शामिल हुए 67 नेता
शिंदे समर्थक विधायकों ने अपने क्षेत्रों में जाकर बालासाहेब ठाकरे और आनंद दिघे की विरासत की बात करना शुरू किया है. इसके चलते शिवसैनिकों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है. काडर में इसी संशय की स्थिति को दूर करने के लिए आदित्य ठाकरे ने मोर्चा संभाला है और निष्ठा यात्रा निकालेंगे. बताया जा रहा है वह इस यात्रा के दौरान शिवसैनिकों को एकनाथ शिंदे गुट की 'गद्दारी' के बारे में बताएंगे. बीएमसी चुनाव को लेकर भी शिवसेना इस यात्रा को अहम मान रही है.
#एकनाथशिंदे कैंप को टक्कर देने के लिए मैदान में उतरेंगे #अदित्यठाकरे , काल से निकालेंगे #निष्ठायात्रा#adityathackeray#Shivsena
— Abdulkadir/ अब्दुलकादिर (@KadirBhaiLY) July 7, 2022
यात्रा के दौरान आदित्य ठाकरे बागी विधायकों के निर्वाचन क्षेत्र में शिवसेना की शाखाओं का भी दौरा करेंगे. आदित्य शिवसेना की 236 शाखाओं का दौरा करेंगे. आपको बता दें कि शिवसेना विधायकों की बगावत के बाद से आदित्य ठाकरे काफी आक्रामक हैं.
गुरुवार को आदित्य ठाकरे ने कहा कि गद्दार तो गद्दार ही होते हैं, लेकिन जो आना चाहते हैं, उनके लिए मातोश्री के दरवाजे खुले हैं. वहीं दूसरी तरफ बागी विधायक लगातार आरोप लगा रहे हैं कि उद्धव ठाकरे दरबारियों से घिरे हुए हैं और यदि उन्हें अलग करके बात की जाए तो वे पार्टी में आने पर विचार कर सकते हैं.