नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सयुंक्त राष्ट्र संघ के सर्वोच्च पर्यावरण पुरस्कार ‘चैंपियंस ऑफ अर्थ’ से सम्मानित किया गया है. पीएम मोदी को यह सम्मान स्थायी विकास एवं जलवायु बदलाव के क्षेत्र में अनुकरणीय नेतृत्व और सकारात्मक कदम उठाने के लिए दिया गया है. पर्यावरण के क्षेत्र में इसे सर्वोच्च पुरस्कार माना जाता है. एक विशेष कार्यक्रम में पीएम मोदी को यह सम्मान दिया गया. इस सम्मान का ऐलान 26 सितंबर को यूनाइटेड नेशंस जनरल एसेंबली (उंगा) के 73वें सत्र के दौरान न्यूयॉर्क में किया गया था.
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस पीएम मोदी को यह अवॉर्ड देने खुद दिल्ली पहुंचे और एक विशेष कार्यक्रम में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संयुक्त राष्ट्र के सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान 'चैम्पियंस ऑफ द अर्थ अवॉर्ड' से सम्मानित किया. इस अवॉर्ड के लिए पीएम मोदी ने यूएन और भारतीय जनता के प्रति आभार व्यक्त किया.
#WATCH PM Modi at Champions of the Earth event in Delhi https://t.co/gIdXZJ2nv5
— ANI (@ANI) October 3, 2018
पीएम मोदी ने कहा यह सम्मान सिर्फ मेरा नहीं
पीएम मोदी ने कहा कि यह सम्मान सिर्फ उनका नहीं है. यह भारत के जंगलों में रहने वाले, अपने आसपास के परिवेश से प्यार करने वाले आदिवासियों का सम्मान है. यह भारत की महिलाओं को सम्मान है जो सदियों से अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में रीयूज और रीसाइकल की प्रक्रिया अपनाती है. पीएम मोदी ने कहा, "ये सम्मान पर्यावरण की सुरक्षा के लिए भारत की सवा सौ करोड़ जनता की प्रतिबद्धता का है. चैंपियंस ऑफ द अर्थ अवॉर्ड, भारत की उस नित्य नूतन चीर पुरातन परंपरा का सम्मान है, जिसने प्रकृति में परमात्मा को देखा है. जिसने सृष्टि के मूल में पंचतत्व के अधिष्ठान का आह्वान किया है." यह भी पढ़ें- PM नरेंद्र मोदी को United Nations ने दिया सबसे बड़ा सम्मान, जानें कौन-सा है यह अवार्ड
यूएन महासचिव ने कहा जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को समझते हैं मोदी
नई दिल्ली के प्रवासी भारतीय केंद्र में आयोजित अवॉर्ड समारोह में यूएन महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा, "हम एक ऐसे राजनेता को सम्मानित कर रहे हैं जो नेतृत्व की जीती जागती मिसाल हैं. वह एक ऐसे नेता हैं जो जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को गंभीरता से समझते हैं. उन्हें समस्याओं की जानकारी है और वह उनका समाधान करने की दिशा में काम करते हैं. हरित इकोनॉमी ही बेहतर इकोनॉमी है."
We are recognising a statesman who embodies true leadership.
In PM @narendramodi, we have a leader who realises the issue of climate change and understands the benefits of climate action. He knows the problems & also works to solve them: @antonioguterres, @UN Secretary General
— PMO India (@PMOIndia) October 3, 2018
अर्थव्यवस्था में गांव और शहर का बराबर योगदान
पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के निर्माण में गांव और शहर दोनों का बराबर योगदान है. उन्होंने कहा कि क्लाइमेट चेंज की समस्या से क्लाइमेट जस्टिस के बिना नहीं निपटा जा सकता है. उन्होंने कहा कि आज पर्यावरण पर अधिक दबाव डाले बिना विकास के अवसरों से हाथ मिलाने की आवश्यकता है.
प्रकृति पर दबाव डाले बिना विकास
आबादी को पर्यावरण पर, प्रकृति पर अतिरिक्त दबाव डाले बिना, विकास के अवसरों से जोड़ने के लिए सहारे की आवश्यकता है, हाथ थामने की ज़रूरत है. इसलिए मैं Climate Justice की बात करता हूं. Climate Change की चुनौती से Climate Justice सुनिश्चित किए बिना निपटा नहीं जा सकता.
आबादी को पर्यावरण पर, प्रकृति पर अतिरिक्त दबाव डाले बिना, विकास के अवसरों से जोड़ने के लिए सहारे की आवश्यकता है, हाथ थामने की ज़रूरत है।
इसलिए मैं Climate Justice की बात करता हूं।
Climate Change की चुनौती से Climate Justice सुनिश्चित किए बिना निपटा नहीं जा सकता: PM
— PMO India (@PMOIndia) October 3, 2018
बता दें कि चैंपियंस ऑफ अर्थ पुरस्कार की शुरुआत 13 वर्ष पहले की गई थी. यह पुरस्कार सरकार में शामिल नेताओं के अलावा सिविल सोसायटी और प्राइवेट सेक्टर के ऐसे लोगों और संस्थाओं को दिया जाता है जिन्होंने अपने कामों के जरिए पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डाला होता है.
गौरतलब है कि पीएम मोदी को सतत विकास, जलवायु परिवर्तन पर अपने अनुकरणीय नेतृत्व और सकारात्मक कदम उठाने को लेकर 'चैंपियंस ऑफ द अर्थ' अवॉर्ड से सम्मानित किया जा रहा है. मोदी को अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के नेतृत्व और 2022 तक भारत को एकल इस्तेमाल वाले प्लास्टिक से मुक्त कराने के संकल्प को लेकर 'चैंपियंस ऑफ द अर्थ' अवॉर्ड के लिए चुना गया है. उन्हें नीति नेतृत्व श्रेणी के तहत यह अवॉर्ड मिला है.