1971 युद्ध के शहीदों को PM नरेंद्र मोदी का सलाम, भारतीय सेना ने PAK के 93 हजार सैनिकों ने करवाया था आत्म समर्पण
भारतीय सेना( Inadian Army) ने आज के ही दिन साल 1971 में हुए भारत पाकिस्तान (Pakistan) के युद्ध में पाक धुल चटा दिया है. पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के मुक्ति संग्राम के बाद बांग्लादेश के निर्माण के दिन को देश में ‘विजय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. इस मौके पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर देश वीर जवानों को याद किया. पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, विजय दिवस पर भारतीय सैनिकों के साहस, शौर्य और पराक्रम को नमन करता हूं. 1971 में आज के दिन हमारी सेना ने जो इतिहास रचा, वह सदा स्वर्णाक्षरों में अंकित रहेगा. वहीं भारतीय सेना ने भी आज के दिन ट्वीट कर कहा, भारत-पाक युद्ध (ऑपरेशन कैक्टस-लिली) इस न्यायोचित, तूफानी युद्ध में भारतीयसेना भारतीयवायुसेना भारतीयनौसेना एवं मुक्तिवाहिनी ने सिर्फ 14 दिनों में पूर्वी पाकिस्तान की राजधानी ढ़ाका में प्रवेश कर Pakistan पर विजय प्राप्त किया. जय हिंद.
नई दिल्ली:- भारतीय सेना( Inadian Army) ने आज के ही दिन साल 1971 में हुए भारत पाकिस्तान (Pakistan) के युद्ध में पाक धुल चटा दिया है. पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के मुक्ति संग्राम के बाद बांग्लादेश के निर्माण के दिन को देश में ‘विजय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. इस मौके पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर देश वीर जवानों को याद किया. पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, विजय दिवस पर भारतीय सैनिकों के साहस, शौर्य और पराक्रम को नमन करता हूं. 1971 में आज के दिन हमारी सेना ने जो इतिहास रचा, वह सदा स्वर्णाक्षरों में अंकित रहेगा. वहीं भारतीय सेना ने भी आज के दिन ट्वीट कर कहा, भारत-पाक युद्ध (ऑपरेशन कैक्टस-लिली) इस न्यायोचित, तूफानी युद्ध में भारतीयसेना भारतीयवायुसेना भारतीयनौसेना एवं मुक्तिवाहिनी ने सिर्फ 14 दिनों में पूर्वी पाकिस्तान की राजधानी ढ़ाका में प्रवेश कर Pakistan पर विजय प्राप्त किया. जय हिंद.
इस लड़ाई ने 1971 में आज के दिन हमारी सेना ने जो इतिहास रचा, वह सदा स्वर्णाक्षरों में अंकित रहेगा. इस लड़ाई के बाद पूर्वी पाकिस्तान ने आजाद होकर बांग्लादेश का रूप ले लिया था. इस युद्ध के अंत के बाद 93,000 पाकिस्तानी सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया था. बंग्लादेश में इस दिन को 'विक्ट्री डे 'के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है. भारत ने बंग्लादेश की आजादी के लिए पाकिस्तान से 13 दिनों तक युद्ध किया और उसे एक करारी हार दी.
इंदिरा गांधी ने लिया था ठोस निणर्य
बता दें इस युद्ध में पाकिस्तान के खिलाफ लड़ने का निर्णय लिया था. बता दें कि इंदिरा गांधी में 1971 को भारतीय सांसद में भाषण देते हुए पूर्वी बंगाल के लोगों की मदद का ऐलान किया था. उसके बाद 29 जुलाई, 1971 को सांसद में सार्वजनिक रूप से पूर्वी बंगाल के लड़कों की मदद करने की घोषणा की गई. जिसके बाद सेना अपनी तैयारी में जुट गई. इस तैयारी में मुक्तिवाहिनी के लड़ाकों को ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया था. इस युद्ध का अंत 16 दिसंबर, 1971 को हुआ. इस लड़ाई में करारी हार के बाद पाकिस्तान की सेना के आत्मसमर्पण और बांग्लादेश के जन्म के साथ युद्ध का समापन हुआ.