करोड़ों गरीबों का सहारा बनेगी मोदी सरकार की 'प्रधानमंत्री श्रम योगी पेंशन योजना', आप भी ऐसे उठा सकते हैं फायदा
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PTI)

अहमदाबाद: कामगारों और श्रमिकों को बड़ा तोहफा देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को गुजरात के गांधी नगर में प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना का शुभारंभ किया. इस योजना के तहत केंद्र सरकार असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को वृद्धावस्था में सहारा देने के लिए पेंशन देगी. फरवरी में पेश हुए अंतरिम बजट में मोदी सरकार ने इस योजना का ऐलान किया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को गुजरात के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे है. इस दौरान उन्होंने पीएमएसवाईएम (प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन) योजना की शुरुआत की. इस योजना में शामिल होने वाले सभी कामगारों और श्रमिकों को 60 वर्ष की आयु के बाद हर महीने कम से कम तीन हजार की पेंशन मिलेगी. इस योजना का लाभ उन्हें ही मिलेगा जिनकी मासिक आय 15 हजार या उससे कम है.

सरकार का दावा है कि इस योजना से 10 करोड़ कामगारों को लाभ होगा और यह अगले पांच सालों में असंगठित क्षेत्र के लिए विश्व की सबसे बड़ी पेंशन योजना बन सकती है. इसका लाभ लेने के लिए श्रमिकों को प्रति माह 100 रुपये का योगदान देना पड़ेगा.

कब करें आवेदन-   

प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना से जुड़ने के लिए श्रमिक की आयु 18 वर्ष से कम और 40 वर्ष से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. साथ ही श्रमिक के पास आधार संख्या और बचत खाता भी होना चाहिए.

श्रम मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, "योजना का नाम प्रधानमंत्री श्रम योगी मान धन 2019 होगा. योजना के साथ 18 वर्ष की आयु में जुड़ने वाले कामगार को 55 रुपये मासिक राशि जमा करनी होगी. इतनी ही राशि का योगदान सरकार भी करेगी. अधिक उम्र में योजना से जुड़ने वाले व्यक्ति का मासिक अंशदान भी बढ़ता चला जायेगा.

इस योजना से 29 वर्ष की आयु में जुड़ने वाले कामगार को 100 रुपये मासिक अंशदान करना होगा जबकि 40 वर्ष की आयु के व्यक्ति को योजना अपनाने पर 200 रुपये प्रति माह का अंशदान करना होगा. योजना के तहत 60 वर्ष की आयु होने तक अंशदान करना होगा.

इन्हें मिलेगा फायदा-

यह योजना रेहड़ी-पटरी लगाने वालों, रिक्‍शा चालक, निर्माण कार्य करने वाले मजदूर, कूड़ा बीनने वाले, बीड़ी बनाने वाले, हथकरघा, कृषि कामगार, मोची, धोबी, चमड़ा कामगार और इसी प्रकार के अनेक अन्‍य कार्यों में लगे असंगठित क्षेत्र के कामगारों को कवर करेगी.

हालांकि, असंगठित क्षेत्र के ऐसे कामगार इस योजना के लिए पात्र नही होंगे जो कि राष्ट्रीय पेंशन योजना, कर्मचारी राज्य बीमा निगम योजना या फिर कर्मचारी भविष्य निधि योजना के तहत आते हैं. ऐसे श्रमिक जो आयकर देते हैं, वे भी पात्र नहीं होंगे.

पति-पत्नी दोनों को मिलेगा लाभ-

पीएमएसवाईएम योजना में यह भी प्रावधान होगा कि यदि कोई कामगार नियमित रूप से अंशदान करता रहा है और किसी वजह से बाद में उसकी मृत्यु हो जाती है तो उसकी पत्नी योजना को आगे बढ़ाने की पात्र होगी. वह आगे नियमित रूप से योजना में अंशदान कर सकती है.

वहीं लाभार्थी की पत्नी अथवा पति अंशदाता की मृत्यु होने पर योजना से यदि बाहर होना चाहते हैं तो वह किये गये कुल अंशदान पर ब्याज सहित पूरी राशि को प्राप्त कर सकते हैं और योजना से बाहर हो सकते हैं. ऐसी स्थिति में हकदार पत्नी अथवा पति को पेंशन राशि का 50 प्रतिशत भुगतान किया जायेगा.