कोरोना के कहर से अंतरराष्ट्रीय बाजार में टूटा कच्चा तेल, 30 फीसदी लुढ़का
कोरोना के कहर से कच्चे तेल का बाजार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का भाव इस साल की ऊंचाई से तकरीबन 30 फीसदी टूट चुका है और बाजार के जानकारों की माने तो कच्चे तेल के दाम में और गिरावट देखने को मिल सकती है.
नई दिल्ली : कोरोना के कहर से कच्चे तेल का बाजार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड (Brent Crude) का भाव इस साल की ऊंचाई से तकरीबन 30 फीसदी टूट चुका है और बाजार के जानकारों की माने तो कच्चे तेल के दाम में और गिरावट देखने को मिल सकती है. जानकार बताते हैं कि ब्रेंट क्रूड का दाम जो इस समय 50 डॉलर प्रति बैरल चल रहा है वह टूटकर 45 डॉलर प्रति बैरल तक आ सकता है. बता दें कि ब्रेंट क्रूड का भाव 26 दिसंबर 2018 के बाद के निचले स्तर पर है जब भाव गिरकर 49.93 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया था. कच्चे तेल के दाम में गिरावट आने से भारतीय उपभोक्ताओं को पेट्रोल और डीजल समेत अन्य पेट्रोलियम उत्पादों की महंगाई से राहत मिल सकती है. अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज यानी ICE पर ब्रेंट क्रूड का भाव आठ जनवरी को 71.75 डॉलर प्रति बैरल तक चला गया था जोकि इस साल का अब तक का ब्रेंट क्रूड के भाव का सबसे ऊंचा स्तर है. बीते एक सप्ताह से कारोना के कहर से बाजार में मचे कोहराम के कारण ब्रेंट क्रूड का भाव इस ऊंचे स्तर से 21.79 डॉलर यानी 30.28 फीसदी टूट चुका है.
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एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट (एनर्जी एवं करेंसी रिसर्च) अनुज गुप्ता ने बताया कि कोरोना वायरस के प्रकोप से कच्चे तेल के दाम में और गिरावट देखने को मिल सकती है. उन्होंने कहा कि ब्रेंट क्रूड का भाव 45 डॉलर प्रति बैरल जबकि अमेरिकी क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट का भाव 40 डॉलर प्रति बैरल तक गिर सकता है. गुप्ता ने बताया कि कच्चे तेल के दाम में आई गिरावट से पेट्रोल और डीजल की कीमतों मंे आने वाले दिनों में दो से तीन रुपये प्रति लीटर की कमी आ सकती है. कोरोना के कहर के अलावा कच्चे तेल के दाम में नरमी के कुछ और भी कारक हैं. केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया बताते हैं कि कच्चे तेल के फंडामेंटल्स बहरहाल कमजोर हैं क्योंकि अमेरिका में तेल का उत्पादन बढ़ रहा है और वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास की गति मंद पड़ जाने से तेल की खपत मांग घट गई है.
केडिया ने कहा कि तेल के गिरते दाम को थामने के लिए प्रमुख तेल उत्पादक देशों का संगठन ओपेक द्वारा उत्पादन में कटौती करने का असर भी विफल हो गया है. लिहाजा, तेल के दाम में रिकवरी की गुंजाइश फिलहाल नहीं दिख रही है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में आई नरमी से भारतीय वायदा बाजार में भी कच्चे तेल के सौदों में शुक्रवार को करीब तीन फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. दोपहर 12.49 बजे मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी एमसीएक्स पर कच्चे तेल के मार्च अनुबंध में पिछले सत्र के मुकाबले 2.59 फीसदी की कमजोरी के साथ 3,307 रुपये प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था जबकि इससे पहले भाव 3,290 डॉलर प्रति बैरल तक गिरा.
उधर, अंतर्राष्ट्रीय बाजार आईसीई पर ब्रेंट के मई डिलीवरी अनुबंध में पिछले सत्र के मुकाबले 2.73 फीसदी की कमजोरी के साथ 50.32 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था जबकि इससे पहले ब्रेंट का भाव 50.09 डॉलर तक गिरा. पिछले सप्ताह 20 फरवरी को ब्रेंट क्रूड का भाव आईसीई पर 60 डॉलर प्रति बैरल तक उछला था, जिसके बाद 30 फीसदी से ज्यादा दाम टूट चुका है. अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास यानी डब्ल्यूटीआई का अप्रैल डिलीवरी अनुबंध न्यूयार्क मर्के टाइल एक्सचेंज पर पिछले सत्र के मुकाबले 2.97 फीसदी की कमजोरी के साथ 45.69 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था. अमेरिकी क्रूड का भाव बीते एक सप्ताह में करीब नौ डॉलर प्रति बैरल गिरा है.