नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) कथित पेगासस जासूसी मामले (Pegasus Case) में अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर बुधवार को अहम फैसला सुनाया है. प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमणा (NV Ramana) की बेंच ने पेगासस मामले की जांच के लिए रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में कमेटी गठिन करने का आदेश दिया है. इस एक्सपर्ट कमेटी के अन्य सदस्य आलोक जोशी और संदीप ओबेरॉय होंगे. पेगासस मामला: अदालत ने कहा, वह केवल यह जानना चाहती हैं, क्या सरकार ने उपयोग किया या नहीं
देश की शीर्ष कोर्ट ने पेगासस मामले पर कहा कि अंधाधुंध जासूसी की इजाजत नहीं दी जा सकती है. कोर्ट ने पेगासस मामले की जांच के लिए रिटायर्ड जस्टिस आरवी रवींद्रन की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है और 8 हफ्तों में अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा है.
इससे पहले 23 सितंबर को ही सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया था कि वह पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं आदि पर पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल कर जासूसी के आरोपों की जांच के लिए एक तकनीकी समिति का गठन कर सकती है.
Supreme Court asks the Committee to examine the allegations thoroughly and place report before court and posts the hearing after 8 weeks.
— ANI (@ANI) October 27, 2021
सीजेआई की अध्यक्षता वाली बेंच ने मौखिक रूप से वरिष्ठ अधिवक्ता सीयू सिंह, जो पेगासस मामले में याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से पेश हुए थे, से कहा था कि कुछ विशेषज्ञों ने व्यक्तिगत कारणों से जांच में शामिल होने में असमर्थता व्यक्त की है और जल्द ही समिति पर एक आदेश की उम्मीद है.
सीजेआई ने कहा था कि अदालत इस सप्ताह आदेश पारित करना चाहती थी. हालांकि, आदेश को स्थगित कर दिया गया, क्योंकि कुछ सदस्य, जिन्हें अदालत तकनीकी समिति का हिस्सा बनाना चाहती थी, ने समिति में रहने को लेकर व्यक्तिगत कठिनाइयों को व्यक्त किया है.
केंद्र ने पहले ही जासूसी के आरोपों की जांच के लिए स्वतंत्र सदस्यों से बना एक विशेषज्ञ पैनल गठित करने का प्रस्ताव दिया था. गौरतलब है कि शीर्ष अदालत इस संबंध में दाखिल कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है जिनमें वरिष्ठ पत्रकारा एन राम और शशि कुमार के साथ-साथ एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की याचिका भी याचिका शामिल है. इन याचिकाओं में कथित पेगासस जासूसी कांड की स्वतंत्र जांच की मांग की गई थी. अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूह ने खबर दी थी कि करीब 300 प्रमाणित भारतीय फोन नंबर हैं, जो पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिये जासूसी के संभावित निशाना थे. (एजेंसी इनपुट के साथ)