मोदी सरकार का बड़ा फैसला- अर्द्धसैनिक बल अब पहनेंगे खादी की वर्दी, कैंटीन में दी जाएगी ये सभी सुविधाएं

मोदी सरकार ने अर्द्धसैनिक बलों को ड्यूटी के दौरान अधिक सहूलियते देने के लिए अहम फैसला लिया है. इसके तहत अब अर्द्धसैनिक बल खादी से बनी वर्दी पहनेंगे. साथ ही सभी स्टाफ कैंटीन में अचार,पापड़, शहद और शैंपू जैसे खादी ग्रामोद्योग के उत्‍पादों का अधिक इस्‍तेमाल किया जाएगा.

इंडियन आर्मी (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली: मोदी सरकार ने अर्द्धसैनिक बलों (Paramilitary Forces) को ड्यूटी के दौरान अधिक सहूलियते देने के लिए अहम फैसला लिया है. इसके तहत अब अर्द्धसैनिक बल खादी (Khadi) से बनी वर्दी पहनेंगे. साथ ही सभी स्टाफ कैंटीन में अचार,पापड़, शहद और शैंपू जैसे खादी ग्रामोद्योग के उत्‍पादों (Village Industries Products) का अधिक इस्‍तेमाल किया जाएगा.

केन्‍द्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने सभी अर्द्धसैनिक बलों के महानिदेशकों को वर्दी में खादी का इस्‍तेमाल करने तथा अपने यहां कैं‍टीन में अचार,पापड़, शहद, सरसों का तेल,चाय, साबुन,शैंपू और फिनाइल जैसे खादी ग्रामोद्योग के उत्‍पादों का इस्‍तेमाल किये जाने का निर्देश दिया है. अब चीन से आयात नहीं होगा तिरंगा, खादी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उठाया ये कदम

अर्द्धसैनिक बलों और खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के बीच कई दौर की बैठकों के बाद यह तय हुआ है कि खादी के उत्‍पादों का इस्‍तेमाल अर्द्धसैनिक बलों के लिए किया जाएगा. सूत्रों के अनुसार पिछले दो सप्‍ताह से दोनों पक्षों के बीच बैठक चल रही है. इस दौरान खादी के उत्‍पादों के कई नमूने पेश किए गए और आखिरकार इसपर अब अंतिम फैसला लिया जाने वाला है.

केवीआईसी के अध्‍यक्ष ने बताया कि अर्द्धसैनिक बलों की ओर से इस्‍तेमाल किए जाने वाले ऊनी और सूती कपड़ों , कंबलों और वातावरण-अनुकूल विशेष पोशाक के जो नमूने दिए गए थे उन्‍हें खादी ग्रामोद्योग ने खादी का इस्‍तेमाल कर नए तरीके से बनाया है. इन्‍हें अर्द्धसैनिक बलों की अंतिम मंजूरी के लिए भेजा गया है. उल्‍लेखनीय है कि इनमें से जवानों के लिए बनाया गया वातावरण अनुकूल विशेष पोशाक पहले बने कपड़ो से ज्‍यादा बेहतर बना है.

गृहमंत्री द्वारा अर्द्धसैनिक बलों को खादी का इस्‍तेमाल करने का निर्देश दिए जाने की खबर से बेहद उत्‍साहित केवीआईसी के अध्‍यक्ष विनय कुमार सक्‍सेना ने कहा कि इस कदम से खादी ग्रामोद्योग का मौजूदा कारोबार जो अभी करीब 75 हजार करोड़ रूपए का है आगे बढ़कर दोगुना हो जाएगा और इसके साथ ही खादी के कारीगरों को काम के अतिरिक्‍त घंटे मिलेंगे.

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