लखनऊ, 8 अप्रैल : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के पहले परिवार को एक बड़ा झटका लगा है. पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की भतीजी संध्या यादव समाजवादी पार्टी के गढ़ मैनपुरी से भाजपा के टिकट पर जिला पंचायत चुनाव (Panchayat Election) लड़ने जा रही हैं. संध्या यादव बदायूं के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव की बहन हैं और अभी मैनपुरी (Mainpuri) की जिला पंचायत की चेयरपर्सन भी हैं. पिछला चुनाव उन्होंने समाजवादी की टिकट पर जीता था. इस बार संध्या ने भाजपा उम्मीदवार के तौर पर बुधवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. यहां पर 19 अप्रैल को मतदान होना है. 2017 में संध्या के पति अनुजेश यादव (शिवपाल यादव के करीबी और फिरोजाबाद जिला पंचायत के सदस्य को पार्टी से निष्कासित करने के हफ्ते भर बाद ही संध्या के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. वहीं अनुजेश ने स्थानीय जिला पंचायत अध्यक्ष विजय प्रताप के खिलाफ प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए थे, जो कि राम गोपाल यादव के करीबी सहयोगी थे.
बाद में 11 सदस्यों द्वारा इस निर्णय को लेकर उनकी संबद्धता न होने हलफनामा पेश करने के बाद प्रस्ताव वापस ले लिया गया था. फिर 2 साल पहले 2019 में अनुजेश भाजपा में शामिल हो गए थे. पत्नी के भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ने को लेकर उन्होंने कहा, "यदि सपा सदस्य मेरी पत्नी (संध्या) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं, तो वह भी भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ सकती है. " अनुजेश ने यह भी दावा किया कि उनकी पत्नी यह चुनाव जीतेंगी. उन्होंने कहा, "मेरी मां उर्मिला यादव 1993 और 1996 में घिरोर से 2 बार विधायक रह चुकी हैं और हमारे साथ लोगों का काफी समर्थन है. " उधर संध्या यादव के भतीजे और मैनपुरी से समाजवादी के पूर्व सांसद तेजप्रताप यादव ने कहा है कि पार्टी उन्हें एक राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के तौर पर ही देखेगी. यह भी पढ़ें : आम आदमी की जेब होगी ढीली, अनाज, तेल और सब्जी-फल समेत खाने-पीने की इन चीजों के बढ़े दाम
उन्होंने कहा, "हमारे पास अपना उम्मीदवार है और हम उनकी जीत के लिए काम करेंगे. " वहीं भाजपा के जिलाध्यक्ष प्रदीप चौहान ने कहा, "मुलायम सिंह यादव ने खुद संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की थी. यदि उनकी भतीजी हमारी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रही है, तो इसका मतलब है कि वह भी भाजपा के विकास के एजेंडे का समर्थन करते हैं. इसमें कुछ गलत नहीं है. सभी को अपना रास्ता चुनने का अधिकार है. " हालांकि, लखनऊ में सपा नेताओं ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि संध्या का भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने का फैसला पार्टी और परिवार के लिए एक बहुत बड़ी शमिर्ंदगी की बात है.