आतंकिस्तान को कश्मीर मसला सुलझाने के लिए चाहिए विदेशी बैसाखी, बोला ‘भारत से अकेले वार्ता संभव नहीं’
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Photo Credits: Instagram)

नई दिल्ली: ऐसा लगता है कि पाकिस्तान (Pakistan) के शासकों को खुद पर जरा भी भरोसा नहीं है. इसलिए वह लगातार कश्मीर (Kashmir) मसले को सुलझाने के लिए विदेशी मदद की गुहार लगा रहे है. ताजा घटनाक्रम में इमरान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mehmood Qureshi) ने भारत से विवाद सुलझाने के लिए तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप यानि विदेशी बैसाखी की जरुरत दोहराई है. कुरैशी ने कहा कि भारत के साथ अकेले द्विपक्षीय वार्ता अब संभव नहीं है.

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बुधवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय वार्ता संभव नहीं है. इसलिए दोनों देशों के बीच सुलह कराने के लिए किसी तीसरे देश का शामिल होना एकमात्र विकल्प बचा हुआ है. दरअसल पाकिस्तान कश्मीर मसले को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. लेकिन उसे हर बार नाकामी ही हाथ लग रही है.

मंगलवार को पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के समक्ष कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघन का मुद्दा उठाया. उसने यूएनएचआरसी में कश्मीर को लेकर 115 पेज का झूठा चिठ्ठा पेश किया. जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान के आरोपों का मुंहतोड़ जवाब दिया. और कश्मीर को लेकर झूठ फैलाने के लिए पाकिस्तान को जमकर फटकार लगाई.

विदेश मंत्रालय की सचिव विजय ठाकुर सिंह (Vijay Thakur Singh) ने कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों को बेबुनियाद बताया और कहा कि पाकिस्तान झूठ की रनिंग कमेंट्री कर रहा है. दुनिया जानती है कि यह बातें ऐसे आतंक के केंद्र से आ रही हैं जो लंबे समय से आतंकियों का पनाहगाह रहा है.

यह भी पढ़े- पाकिस्तान ने जिनेवा में खुद कबूला सच, जम्मू-कश्मीर को माना भारत का अभिन्न अंग- देखें वीडियो

पिछले महीने भारत ने जम्मू कश्मीर से जुड़े आर्टिकल 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त कर दिया था और इसे दो केंद्रशासित प्रदेश में बांट दिया था. भारत के इस कदम पर पाकिस्तान की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आयी और प्रधानमंत्री इमरान खान ने लगातार भारत विरोधी बयानबाजी की. हालांकि भारत ने हर बार कश्मीर को अभिन्न हिंसा बताते हुए पाकिस्तान के बयानों को ‘गैरजिम्मेदाराना’ करार दिया.