
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस हमले में निर्दोष लोगों की जान गई और एक बार फिर आतंकवाद की क्रूरता सामने आई. घटना के दो दिन बाद अब पाकिस्तान की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है, जिसमें उसने इस आतंकी वारदात से अपना पल्ला झाड़ते हुए हर प्रकार की संलिप्तता से इनकार कर दिया है.
पाकिस्तान बोला – 'हमारा कोई लेना-देना नहीं'
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "पहलगाम आतंकी हमले से पाकिस्तान का कोई लिंक नहीं है. हमारा इससे कोई लेना-देना नहीं है. हम हर प्रारूप में आतंकवाद की निंदा करते हैं." उन्होंने इस घटना को भारत की आंतरिक समस्या बताते हुए इसे "होम ग्रोन विद्रोह" करार दिया.
'भारत में बगावतें हो रही हैं' – ख्वाजा आसिफ का विवादित बयान
अपने बयान में ख्वाजा आसिफ ने आगे कहा कि भारत के विभिन्न हिस्सों में केंद्र सरकार के खिलाफ बगावतें हो रही हैं. उन्होंने नगालैंड, कश्मीर, छत्तीसगढ़ और मणिपुर का उदाहरण देते हुए कहा कि "यह हमला केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ लोगों के विद्रोह का नतीजा है. यह सब स्थानीय स्तर पर हो रहा है. लोग अपने अधिकार मांग रहे हैं."
उन्होंने हिंदुत्व की विचारधारा वाली सरकार पर अल्पसंख्यकों का शोषण करने का आरोप लगाया और कहा कि मुसलमानों, ईसाइयों और बौद्धों को निशाना बनाया जा रहा है.
जमीनी हकीकत: हमला था सुनियोजित और क्रूर
हालांकि, भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की शुरुआती जांच से पता चला है कि यह हमला पूरी तरह सुनियोजित था. आतंकियों ने स्थानीय कश्मीरी आतंकियों और ओवर ग्राउंड वर्कर्स की मदद से हमले से पहले इलाके की रेकी की थी. बैसरन को इसलिए चुना गया क्योंकि वहां सुरक्षाबलों की तैनाती कम थी.
सूत्रों के मुताबिक, आतंकियों ने बॉडीकैम पहन रखे थे और पूरे हमले की वीडियोग्राफी की गई. सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि हमलावरों ने महिलाओं और पुरुषों को अलग कर चुन-चुनकर लोगों को मारा. यह हमला न केवल आतंक का उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि आतंकियों की योजना कितनी क्रूर और बर्बर थी.
घने जंगलों में बनाया ठिकाना, लोकेशन बदली जा चुकी है
जांच में यह भी सामने आया है कि आतंकी हमले के बाद जंगलों में छिप गए और अब संभवतः अपनी लोकेशन भी बदल चुके हैं. स्थानीय आतंकियों की मदद से उन्होंने ऐसे स्थानों का चुनाव किया जहाँ से निकलना आसान हो और पकड़े जाने की संभावना कम हो.
पाकिस्तान का इनकार, लेकिन सवाल बाकी
पाकिस्तान भले ही अपने को इस हमले से अलग दिखा रहा हो, लेकिन बार-बार ऐसे हमलों में पाकिस्तानी एंगल सामने आता रहा है. पहलगाम हमला सिर्फ एक आतंकी घटना नहीं है, यह देश की सुरक्षा और सामरिक नीति पर भी सवाल खड़ा करता है. इस समय ज़रूरत है एकजुटता की – ताकि आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और शांति बहाल की जा सके.