कोरोना पर SAARC की बैठक में भी पाकिस्तान ने अलापा कश्मीर राग, भारत का जवाब- मानवीय मुद्दे पर राजनीति नहीं

पाकिस्तान की तरफ से चर्चा में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. जफर मिर्जा शामिल हुए. मुद्दा था कोरोना वायरस से जुड़े साझा खतरे का, लेकिन पाकिस्तान यहां भी कश्मीर राग छेड़ने से बाज नहीं आया.

पाक पीएम इमरान खान (Photo Credit-IANS)

कोरोना वायरस (Coronavirus) से निपटने की रणनीति पर चर्चा को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तावित विडियो कांफ्रेंस में पाकिस्तान ने भी हिस्सा लिया. इसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान खुद शामिल नहीं हुए. पाकिस्तान की तरफ से चर्चा में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. जफर मिर्जा (Zafar Mirza) शामिल हुए. मुद्दा था कोरोना वायरस से जुड़े साझा खतरे का, लेकिन पाकिस्तान यहां भी कश्मीर राग छेड़ने से बाज नहीं आया. कोरोना के खतरे से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर सार्क (SAARC) देशों के राष्ट्राध्यक्षों के वीडियो कांफ्रेंसिंग सम्मेलन के दौरान पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में जारी प्रतिबंधों का मुद्दा उठाते हुए इसे तत्काल समाप्त करने की मांग की. भारत सरकार के सूत्रों ने ANI को बताया, 'पाकिस्तान ने अपने स्वास्थ्य मंत्री को भेजा था जो बोलने में असहज थे. उन्हें बोलने के लिए स्लिप दिया गया था, यह एक अशिष्ट तरीका था. यह एक मानवीय मुद्दा है, लेकिन पाकिस्तान ने इसके भी राजनीतिकरण की कोशिश की.

पीएम मोदी ने सार्क देशों से जानकारी साझा करते हुए कहा कि भारत अब तक विदेशों से करीब 1400 भारतीय को सुरक्षित वापस लेकर आया और जनवरी से ही भारत में जांच चल रही है. कोरोना वायरस के खतरे पर सभी सार्क देशों को वीडियो कांफ्रेस के जरिए संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'मेरा प्रस्ताव है कि हम COVID-19 इमरजेंसी फंड बनाएं. यह हम सभी के स्वैच्छिक योगदान पर आधारित हो सकता है. यह भी पढ़ें- कोरोना वायरस का कहर, पीएम मोदी ने SAARC देश के नेताओं से कहा- घबराने की नहीं सावधान रहने की जरुरत. 

पाक की चाल पर भारत ने दिया जवाब-

भारत इस फंड के लिए एक करोड़ अमेरिकी डॉलर के कंट्रीब्यूशन के साथ शुरुआत कर सकता है. सार्क के दूसरे सभी देशों ने मोदी की पहल का स्वागत करते हुए कोरोना के कहर से निपटने के लिए एक-दूसरे की मदद को वक्त की जरूरत बताया.  सरकार ने जुड़े सूत्रों ने बताया कि यह फंड तत्काल उपलब्ध होगा और इसे दूतावासों के जरिए हैंडल किया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार फंड तेजी से आकार लेगा और इसका कारगर तरीके से इस्तेमाल होगा.

पीएम मोदी ने कहा कि सार्क देशों में दुनिया की पूरी आबादी का पांचवां हिस्सा रहता है और विकासशील होने के कारण सभी देश स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में चुनौतियों से जूझ रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि एक हफ्ते के भीतर सार्क देशों में कोरोना से निपटने में जुटे विशेषज्ञों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें वे अपने-अपने अनुभवों को साझा करने के साथ ही एक-दूसरे की मदद करने योग्य मुद्दों पर चर्चा करेंगे.

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