नई दिल्ली: कंगाली से जूझ रहे आतंकिस्तान को भारत की ओर से जल्द एक बड़ा झटका मिल सकता है. दरअसल भारत के दबाव के चलते पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ब्लैक लिस्टेड कर सकता है. अगर ऐसा हुआ तो पाकिस्तान को खरबों रूपये का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है. जिसकी वजह से पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था की और दुर्दशा होनी पक्की है. इसको लेकर अब पाकिस्तान भी घबरा गया है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मंगलवार को बताया कि भारत की लॉबिंग की वजह से पाकिस्तान को एफएटीएफ द्वारा ब्लैक लिस्टेड यानि काली सूची में डाला जा सकता है. कुरैशी ने आगे कहा कि यदि पाकिस्तान एफएटीएफ की निगरानी सूची (ग्रे लिस्ट) में रहता है तो उसे हर साल 10 अरब डॉलर का नुकसान झेलना पड़ सकता है.
कुरैशी ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा की फिलहाल पाकिस्तान के एफएटीएफ की काली सूची में शामिल होने की स्थिति में नुकसान के आकलन का काम किया जा रहा है. मौजूदा समय में भारत इसके लिए समर्थन जुटा रहा है.
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पेरिस स्थित एफएटीएफ ने पिछले साल जून महीने में पाकिस्तान को निगरानी सूची में डाला था. किसी भी देश को ग्रे लिस्ट में डालने का मतलब होता है कि वह देश मनी लांड्रिग तथा टेरर फंडिंग को रोकने में पूरी तरह कारगर कदम नहीं उठा रहा है. उधर पाकिस्तान ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के लिए खूब हाथ पैर मार रहा है.
भारत आतंकियों के लिए स्वर्ग बन चुके पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए आर्थिक और सामरिक दोनों रणनीतियां बना रहा है. इस काम में भारत ने विदेशी समर्थन जुटाने के लिए कई सबूत भी पेश किए है. इससे साफ़ पता चल जाता है कि पाकिस्तान अपनी जमीन को भारत के खिलाफ हमले करनेवाले आतंकियों के साथ ना केवल साझा करता है बल्कि भरसक सहायता भी करता है.