
भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनाव के बीच भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में पहलगाम हमले पर चर्चा हो रही थी, उस वक्त पाकिस्तान ने ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF)’ की भूमिका पर आपत्ति जताई. जबकि वही TRF इस हमले की दो बार ज़िम्मेदारी ले चुका है. मिस्री ने कहा, “ये पाकिस्तान की आतंकवाद पर ढुलमुल नीति को दर्शाता है. वो आतंकियों को बचाते हैं और फिर मंचों पर शांति की बात करते हैं.”
विदेश सचिव ने साफ कहा कि भारत का जवाब गैर-उत्तेजक (Non-escalatory), सटीक और सीमित है. उन्होंने कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह के बयान का हवाला देते हुए कहा कि भारत ने सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, न कि किसी सैन्य अड्डे को.
झूठ की बुनियाद पर खड़ा पाकिस्तान
विक्रम मिस्री ने पाकिस्तान द्वारा यह कहने पर कि उसने भारतीय जेट मार गिराया, तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “इसमें आश्चर्य क्या है? ये वही देश है जिसने जन्म लेते ही झूठ बोला था. 1947 में जब पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर पर दावा किया था, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से भी झूठ बोला था कि हमारा इससे कोई लेना-देना नहीं है. पाकिस्तान का झूठ का ये सफर 75 साल पहले शुरू हुआ था.”
नीलम-झेलम डैम पर भारत का हमला? पाकिस्तान का सफेद झूठ
पाकिस्तान का दावा था कि भारत ने POK में नीलम-झेलम डैम को निशाना बनाया है. इस पर विदेश सचिव ने इसे पूरी तरह मनगढ़ंत और सफेद झूठ बताया. उन्होंने कहा कि भारत ने सिर्फ आतंकवादी ठिकानों को टारगेट किया है, न कि किसी सिविलियन या इन्फ्रास्ट्रक्चर को. मिस्री ने चेतावनी दी कि अगर पाकिस्तान इस झूठ का सहारा लेकर भारत के महत्वपूर्ण ढांचों पर हमला करता है, तो इसका पूरा ज़िम्मा पाकिस्तान पर ही होगा.
विक्रम मिस्री ने कहा, “अगर पाकिस्तान अब भी हालात को और बढ़ाने की कोशिश करेगा, तो उसे उचित जवाब मिलेगा – किस रूप में, ये भारत तय करेगा. अब विकल्प पाकिस्तान के पास है कि वह शांति का रास्ता अपनाए या फिर परिणाम झेले.”