पद्म श्री गूंगा पहलवान ने अपनी मांग को लेकर हरियाणा CM मनोहर लाल से पूछा- 'क्या मैं पाकिस्तान से हूं', सरकार ने दिया ये जवाब

गूंगा पहलवान के नाम से प्रसिद्ध वीरेंद्र सिंह ने ट्वीट किया था कि "माननीय मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी क्या मैं पाकिस्तान से हूं कब बनेगी कमेटी, कब मिलेंगे समान अधिकार."

मुकबाधिर पहलवान वीरेंद्र सिंह उर्फ गूंगा पहलवान (Photo Credit : Virendra Singh Twitter Account)

हरियाणा, 16 जनवरी : पद्म श्री पुरस्कार (Padma Shri Award) से सम्मानित मुकबाधिर पहलवान वीरेंद्र सिंह उर्फ गूंगा पहलवान (Virendra Singh aka Goonga Pahawan) ने हरियाणा (Haryana)  के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (CM Manohar Lal Khattar) से राज्य के बधिर खिलाड़ियों को पैरा-एथलीट (Paralympians) के रूप में मान्यता देने की मांग करते हुए ट्वीट किया है. इसके जवाब में हरियाणा खेल के निदेशक पंकज नैन ने कहा कि विरेंद्र को पैरालिंपियन के समान ग्रुप B पोस्ट ऑफर किया गया था, लेकिन उन्होंने लेने से इनकार कर दिया.

शनिवार को गूंगा पहलवान के नाम से प्रसिद्ध वीरेंद्र सिंह ने ट्वीट किया था कि "माननीय मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी क्या मैं पाकिस्तान से हूं कब बनेगी कमेटी, कब मिलेंगे समान अधिकार." इसके अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए लिखा था ."प्रधानमंत्री जी, जब मैं आपसे मिला, आपने ही कहा था हम आपके साथ अन्याय नहीं होने देंगे, अब आप ही देख लो."

हरियाणा खेल के निदेशक पंकज नैन ने कहा " हरियाणा सरकार द्वारा वीरेंद्र को पहले ही 1.20 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं जो देश में सबसे अधिक है. वीरेंद्र पहले से ही राज्य खेल विभाग में कार्यरत हैं, उन्हें पैरालिंपियन के समान ग्रुप B पोस्ट ऑफर किया गया था, लेकिन उन्होंने लेने से इनकार कर दिया."

आगे उन्होंने कहा "वीरेंद्र हमारे स्टार खिलाड़ी हैं और हमें उन पर गर्व है. हरियाणा देश में सबसे अच्छी खेल नीति है. यदि आवश्यक हुआ तो सभी हितधारकों को शामिल करते हुए परिवर्तन किया जा सकता है"

वीरेंद्र हरियाणा के झज्जर जिले के एक छोटे से गांव सिसरौली में पैदा हुए. वीरेंद्र सिंह कुश्ती में कई अंतरराष्‍ट्रीय मेडल जीत चुके हैं. 2016 में वह अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किए गए. वीरेंद्र को लोग 'गूंगा पहलवान' के नाम से भी जानते है. साल 2002 में उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला. वर्ल्ड कैडेट रेसलिंग चैंपियनशिप में उन्होंने गोल्ड जीता.  2005 में वीरेंद्र ने Deaf Olympics में पहला गोल्ड मेडल जीता.  वीरेंद्र ने 7 अंतरराष्ट्रीय मेडल  जीते हैं, जिसमें 3 गोल्ड मेडल शामिल हैं. अर्जुन पुरस्कार और अब पद्म श्री शामिल है. वीरेंद्र करीब 25 वर्ष से पहलवानी कर रहे हैं.

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