दिल्ली में फिर 150 रुपये किलो प्याज, बेमौसम बारिश के कारण बढ़ी कीमतें
देश के विभिन्न इलाकों में हाल में हुई बारिश के कारण प्याज का दाम फिर आसमान चढ़ने लगा है. देश की राजधानी दिल्ली में खुदरा प्याज 150 रुपये किलो तक बिकने लगा है और दाम में और तेजी आने की संभावना जताई जा रही है. मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र स्थित आजादपुर मंडी में प्याज का थोक भाव 112 रुपये प्रति किलो से ऊपर चला गया, जोकि अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है.
देश के विभिन्न इलाकों में हाल में हुई बारिश के कारण प्याज (Onion) का दाम फिर आसमान चढ़ने लगा है. देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में खुदरा प्याज 150 रुपये किलो तक बिकने लगा है और दाम में और तेजी आने की संभावना जताई जा रही है. मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र स्थित आजादपुर मंडी में प्याज का थोक भाव 112 रुपये प्रति किलो से ऊपर चला गया, जोकि अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है. आजादपुर एग्रीकल्चलर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी के एक अधिकारी ने बताया कि अगर अफगानिस्तान से प्याज नहीं आई होती तो दिल्ली में प्याज का भाव आज 200 रुपये किलो तक चला गया था.
आजादपुर मंडी में मंगलवार को प्याज की कुल आवक 566.5 टन थी, जिसमें विदेशी प्याज 279.1 टन था. एपीएमसी की कीमत सूची के अनुसार, दिल्ली में प्याज का थोक भाव मंगलवार को 70-112.50 रुपये प्रति किलो था. उधर, खुदरा बाजार से मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में प्याज 100-150 रुपये प्रति किलो बिकने लगा है.
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आजादपुर मंडी ऑनियन मर्चेंट एसोसिएशन के प्रेसीडेंट राजेंद्र शर्मा ने बताया कि बारिश के बाद जमीन में नमी होने के कारण किसान प्याज की फसल खेतों से नहीं निकाल रहे हैं, यही वजह है कि देशभर में प्याज की आवक प्रभावित हुई है.
बाजार सूत्रों के अनुसार, नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश में जगह-जगह हो रहे विरोध प्रदर्शन से भी प्याज की आवक प्रभावित हुई है. कारोबारियों ने बताया कि प्याज का थोक दाम बढ़ने का असर अभी खुदरा बाजार में एक-दो दिनों तक बरकरार रहेगा, इसलिए प्याज के खुदरा दाम में और वृद्धि हो सकती है.
इस बीच सूत्रों ने बताया है कि सरकार द्वारा आयातित प्याज की पहली खेप मुंबई बंदरगाह पर पहुंच चुकी है. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने देश में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने के लिए 1.2 लाख टन प्याज का आयात करने का फैसला किया है.
सरकार ने इसके अलावा थोक एवं खुदरा कारोबारियों के लिए प्याज के भंडारण की सीमा तय कर दी है, ताकि कोई प्याज की जमाखोरी न कर पाए और कीमतों में हो रही वृद्धि पर लगाम लगाई जा सके. थोक कारोबारियों के लिए प्याज भंडारण की तय सीमा 25 टन, जबकि खुदरा कारोबारियों के लिए दो टन है.