कद्दावर नेता अजित सिंह के निधन के बाद बेटे जयंत चौधरी ने कहा- कोरोना से जीतने के लिए अंतिम समय तक चौधरी साहब कर रहें थे संघर्ष

राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह का गुरुवार को निधन हो गया है. वह कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद अपना इलाज करा रहे थे. उनके निधन की जानकारी उनके पुत्र जयंत चौधरी ने ट्वीट के माध्यम से दी.

चौधरी अजित सिंह ( photo credit : PTI )

लखनऊ, 6 मई : राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह (Chaudhary Ajit Singh) का गुरुवार को निधन हो गया है. वह कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित होने के बाद अपना इलाज करा रहे थे. उनके निधन की जानकारी उनके पुत्र जयंत चौधरी ने ट्वीट के माध्यम से दी. उन्होंने लिखा कि अजीत 20 अप्रैल को कोरोना संक्रमित पाए गए थे. आज सुबह 6 बजे उनका निधन हो गया. उन्होंने लिखा कि दु:ख की घड़ी है. अंतिम समय तक चौधरी साहब संघर्ष करते नजर आए. उन्होंने आगे लिखा कि जीवन के पथ पर चलते हुए चौधरी साहब को बहुत लोगों का साथ मिला. यह रिश्ते चौधरी साहब के लिये हमेशा प्रिय थे. चौधरी साहब ने आप सबको अपना परिवार माना. आज इस दु:ख व महामारी के काल हमारी आप से प्रार्थना है की आपना पूरा ध्यान रखें. सम्भव हो तो घर पर ही रहें और सावधानी जरूर बरतें.

इससे देश की सेवा कर रहे डॉक्टर और स्वस्थ्य कर्मचारियों को मदद मिलेगी. ये ही चौधरी साहब को आपकी सच्ची श्रद्धांजलि होगी. हम इस महामारी से जूझ रहे सभी परिवारों के प्रति अपनी भावपूर्ण सवेंदना व्यक्त करते हैं. ज्ञात हो कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता चौधरी अजीत सिंह बीते कई दिनों से कोरोना वायरस से संक्रमित थे. पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह के बागपत से पूर्व सांसद थे. पंचायत चुनाव में इस बार उनकी पार्टी ने समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शानदार प्रदर्शन किया था. यह भी पढ़ें : West Bengal: ममता बनर्जी ने कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का तबादला किया, कूचबिहार के पुलिस अधीक्षक निलंबित

मनमोहन सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे चौधरी अजित सिंह के बेटे जयंत चौधरी भी मथुरा से सांसद रहे हैं. चौधरी अजित सिंह बीते कई दिनों से कोरोना वायरस से संक्रमित थे. राष्ट्रीय लोक दल प्रमुख चौधरी अजित सिंह की मंगलवार रात तबीयत ज्यादा खराब हो गई. वह 22 अप्रैल को कोरोना संक्रमित हुए थे और गुरुग्राम के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा था. धीरे-धीरे उनके फेफड़ों में संक्रमण बढ़ता चला गया. मंगलवार(4 मई) को जब उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई तो उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया. वह बीते दो दिन से वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे. गुरुवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली.

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