Omicron: देशभर में पैर पसार रहा ओमिक्रॉन, इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज- बचाव के लिए ये चीजें हैं जरूरी
ऐसे में हर किसी के मन में कोरोना के इस नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर कई तरह के सवाल हैं, कि ओमिक्रॉन संक्रमित मरीजों में किस तरह के लक्षण पाए जा रहे हैं और इन मरीजों को कैसा इलाज दिया जा रहा है. यह कितना गंभीर है और इससे कैसे बचा जा सकता है.
देशभर में ओमिक्रॉन (Omicron) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. कोरोना के नए वेरिएंट ने केंद्र के साथ राज्य सरकारों की टेंशन बढ़ा दी है. अब तक 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ओमिक्रॉन के 160 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. ऐसे में हर किसी के मन में कोरोना के इस नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर कई तरह के सवाल हैं, कि ओमिक्रॉन संक्रमित मरीजों में किस तरह के लक्षण पाए जा रहे हैं और इन मरीजों को कैसा इलाज दिया जा रहा है. यह कितना गंभीर है और इससे कैसे बचा जा सकता है. Omicron Threat: दिल्ली में बढ़ रहे कोरोना के मामले, सीएम केजरीवाल बोले- सभी संक्रमितों की होगी जीनोम सिक्वेंसिंग.
क्या हैं लक्षण
ओमिक्रॉन के लक्षणों (Omicron Symptoms) को लेकर अभी तक जो जानकारी सामने आई है उसमें यही पता चला है कि इस वेरिएंट के लक्षण हल्के हैं और कई संक्रमितों में इसके कोई लक्षण नहीं हैं. रिसर्च में अभी तक सामने आया है कि ओमिक्रॉन से संक्रमित व्यक्तियों में नाक से पानी आना, सिर दर्द, थकान और गला सूखना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. इसके साथ ही कई मामलों में लूज मोशन की समस्या भी देखने को मिल रही है.
अभी तक के मरीजों में इसके बेहद सामान्य लक्षण दिखे. यानी ओमिक्रॉन वेरिएंट के लक्षण साधारण सर्दी के जैसे ही हैं. अभी तक के मामलों में सांस से जुड़ी समस्या ओमिक्रॉन मरीजों में नहीं देखी गई. मरीजों का ऑक्सीजन लेवल और ब्लड प्रेशर भी सामान्य है.
कैसे होगा इलाज
विशेषज्ञों का कहना है कि ओमिक्रॉन संक्रमित मरीजों के इलाज में ये सामने आया कि ज्यादातर मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं पड़ी. मरीजों में गंभीर समस्या नहीं देखी गई है. घर पर रहकर भी इसका इलाज आसानी से हो रहा है. ओमिक्रॉन के मरीजों में सांस संबंधी, कफ, तेज बुखार की समस्या नहीं है, इसलिए पैनिक होने की जरूरत नहीं है. डॉक्टर से परामर्श लें उसके अनुसार इलाज करवाएं.
लक्षण सामान्य तो डर क्यों?
विशेषज्ञों के मुताबिक ओमिक्रॉन संक्रमितों में ज्यादातर लक्षण माइल्ड देखे जा रहे हैं. इसके गंभीर मामले फिलहाल नहीं देखे गए हैं. लेकिन ओमिक्रॉन को कम आंकने की गलती बिल्कुल न करें. विशेषज्ञों ने चेताया है कि यह वेरिएंट काफी अधिक संक्रामक है. यानी यह वेरिएंट अधिक तेजी से फैलता है. कुछ रिपोर्टस में दावा किया जा रहा है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट, डेल्टा समेत तमाम वेरिएंट्स की तुलना में लगभग 70 गुना अधिक तेजी से संक्रमण फैला सकता है.
ओमिक्रॉन सबसे पहले 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था. चिंता की बात यह है कि इस वेरिएंट में बहुत ज्यादा म्यूटेशन हैं. इसके वायरल स्पाइक प्रोटीन में 30 से अधिक म्यूटेशन पाए गए हैं. ये इम्यून रिस्पॉन्स को निशाना बनाते हैं. WHO ने इसे वेरिएंट ऑफ कंसर्न की सूची में डाला है.
कैसे बचें?
इस वेरिएंट से बचने के लिए कोरोना उपयुक्त व्यहार का पालन करें. तमाम तरह की सावधानियां बरतें. मास्क अवश्य लगाएं और सही तरीके से लगाएं. अगर आपने अभी तक वैक्सीन की दोनों डोज नहीं ली हैं तो जल्द से जल्द यह काम करें. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. घर, ऑफिस और अन्य जगहों पर अधिकतम वेंटिलेशन बनाए रखें.