प्रयागराज, 9 नवंबर : यह एक हिंदी ब्लॉकबस्टर फिल्म की एक पटकथा की तरह लगता है, जहां आरोपी ने एक व्यक्ति को मारकर खुद की मौत होने की साजिश रची. एक 45 वर्षीय हत्या के आरोपी ने अपने समान शरीर वाले एक व्यक्ति की हत्या कर दी और अपना पहचान पत्र शव के पास छोड़ दिया ताकि यह उसकी खुद की मौत जैसा लगे. हालांकि यह योजना तब धराशायी हो गई, जब पुलिस ने मुठभेड़ के बाद करेहा गांव के आरोपी फिरोज अहमद को गिरफ्तार कर लिया. गोलीबारी में उन्हें चोटें आई हैं.
एसपी (ट्रांस यमुना) सौरभ दीक्षित ने संवाददाताओं से कहा, बार-बार पुलिस की छापेमारी और कार्रवाई से तंग आकर, फिरोज ने नैनी सेंट्रल जेल में रहने के दौरान उन लोगों से छुटकारा पाने की साजिश रची, जिन्होंने उसे जेल में बंद करवाया था. अपनी कानूनी लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए उसने चार लाख रुपये का कर्ज लिया. करीब दो महीने पहले एक मामले में जमानत पर छूटने के बाद फिरोज ने समान शरीर वाले व्यक्ति की तलाश शुरू की और बिहार के बक्सर के एक युवक के संपर्क में आया. फिरोज पेशे से एक इलेक्ट्रीशियन है और सूरज गुप्ता का विश्वास जीतने में कामयाब रहा और उसे नौकरी हासिल करने में मदद का आश्वासन दिया. उसने उसे शहर में रहने की सलाह दी. यह भी पढ़ें : Odisha: चंद्र ग्रहण के दौरान बिरयानी खाने को लेकर मारपीट, पुलिस ने किया लाठीचार्ज
इसके बाद फिरोज ने गुप्ता को 17 अक्टूबर को मदार्पुर गांव के पास एक स्थानीय भोजनालय में पेय और रात के खाने के लिए आमंत्रित किया. उनके दो सहयोगियों के साथ, उन्होंने गुप्ता की गला घोंटकर हत्या कर दी और उनका सिर भी काट दिया. उन्होंने मृतक के निजी अंगों को काट दिया और पहचान छिपाने के लिए शरीर को आग लगा दी. फिरोज ने अपना ड्राइविंग लाइसेंस भी आधे जले हुए शरीर के पास छोड़ दिया ताकि यह खुद की मौत जैसा लगे. उसने सोचा था कि गुप्ता की मौत से पुलिस उसके खिलाफ सभी मामले बंद कर देगी. एसपी ने कहा कि जांच के दौरान पुलिस को शव की जेब से कुछ संपर्क नंबर मिले. पुलिस ने इन नंबरों पर संपर्क किया तो पता चला कि मृतक बिहार का सूरज गुप्ता है. इसके बाद फिरोज को ढूंढ निकाला गया और गिरफ्तार कर लिया गया.