OMG: मानेसर में खुदाई के दौरान निकलीं 400 साल पुरानी मूर्तियां, विष्णु-लक्ष्मी की प्रतिमाएं देख दंग रह गए लोग
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गुरुग्राम के पास मानेसर में निर्माण कार्य के लिए खुदाई के दौरान तीन प्राचीन मूर्तियां मिली हैं. इनमें से एक मूर्ति भगवान विष्णु की है, दूसरी माता लक्ष्मी की और तीसरी मूर्ति भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की एक साथ बैठी हुई मुद्रा में है. इन सभी मूर्तियों को लगभग 400 साल पुराना बताया जा रहा है.

यह घटना मानेसर के बघाँकी गाँव की है. यहां के रहने वाले प्रभु दयाल ने एक प्लॉट खरीदा था. इस प्लॉट पर घर बनाने के लिए वे बुलडोजर से खुदाई करवा रहे थे. खुदाई के दौरान वहाँ काम कर रहे मजदूरों को ये मूर्तियाँ मिलीं. तीनों मूर्तियां जमीन में 15 फीट की गहराई पर मिलीं. ये कांसे की धातु से बनी हैं, जिसे काफी कीमती बताया जा रहा है.

बताया जा रहा है कि शुरू में प्लॉट के मालिक ने बुलडोजर चालक को लालच देकर इन मूर्तियों के बारे में किसी को न बताने के लिए कहा. यह भी कहा जा रहा है कि वह इन मूर्तियों को अपने घर में स्थापित करना चाहता था. प्लॉट से मूर्ति निकालने का मामला दो-तीन दिन तक दबा रहा. जब चालक को पैसे नहीं मिले तो उसने बिलासपुर थाने में सूचना दी.

इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मूर्तियों को अपने कब्जे में ले लिया. इसके बाद ग्रामीणों को इन मूर्तियों के बारे में पता चला. पुलिस ने इन मूर्तियों के बारे में चंडीगढ़ में पुरातत्व विभाग को सूचना दी. इसके बाद सोमवार (22 अप्रैल 2024) को पुरातत्व विभाग की उप निदेशक बननी भट्टाचार्य और डॉ. कुश ढेबर बिलासपुर थाने पहुँचे.

यहाँ तीनों मूर्तियों को आधिकारिक रूप से उन्हें सौंप दिया गया. पुरातत्व विभाग के अधिकारियों के अनुसार, ये मूर्तियाँ लगभग 400 साल पुरानी प्रतीत होती हैं. हालाँकि, उनकी वास्तविक आयु की जाँच के बाद ही पता चलेगा. इन मूर्तियों में भगवान विष्णु की ऊंचाई डेढ़ फीट और माता लक्ष्मी की मूर्ति की ऊँचाई लगभग 1 फीट है.

वहीं, ग्रामीणों ने इन मूर्तियों को ग्रामीणों को सौंपने का अनुरोध किया था. ग्रामीणों का मानना है कि ये मूर्तियाँ उनके गांव की धरोहर हैं. वे जिस जगह पर मूर्तियाँ मिली हैं, वहाँ एक मंदिर बनवाना चाहते हैं, ताकि उन्हें वहाँ स्थापित किया जा सके. हालाँकि, पुलिस ने मूर्तियाँ ग्रामीणों को देने से इनकार कर दिया.

पुलिस का कहना है कि जमीन की खुदाई के दौरान मिली वस्तुएं भारत सरकार की संपत्ति होती हैं. ऐसे में इन मूर्तियों पर पुरातत्व विभाग का अधिकार है. वहीं, ग्रामीणों ने प्लॉट में और खुदाई करने की मांग की है. इस पर पुरातत्व विभाग की उप निदेशक भट्टाचार्य ने प्रशासन की देखरेख में खुदाई कराने के लिए कहा है.

संग्रहालय विभाग की उप निदेशक, डॉ. बननी भट्टाचार्य ने कहा कि इन मूर्तियों को पुरातत्व विभाग के संग्रहालय में रखा जाएगा और उन्हें वहाँ प्रदर्शित किया जाएगा. बननी ने कहा कि उन्होंने उस जगह की भी जाँच की है जहाँ ये मिली थीं. ऐसा लगता है कि इन्हें लगभग 400 साल पहले गाँव में लाया गया था.

News18 के अनुसार, पुलिस का कहना है कि प्रभु दयाल को एक सोने का बर्तन और सिक्कों का एक जखीरा भी मिला था, लेकिन ये बरामद नहीं हुए हैं. पुलिस ने बताया कि मूर्तियों की खोज के बाद ग्रामीण उस जगह पर एक मंदिर बनवाना चाहते थे, लेकिन उनके और जमीन मालिक के बीच मतभेद होने के कारण अभी तक कुछ नहीं हो सका.