Odisha: 5.62 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में ओडिशा पुलिस ने तमिलनाडु से आरोपी को किया गिरफ्तार
तत्कालीन कॉपोर्रेशन बैंक (अब यूनियन बैंक ऑफ इंडिया) के तत्कालीन मुख्य प्रबंधक, ईओडब्ल्यू ने एक आधिकारिक बयान में कहा, मामला दर्ज होने के बाद से ही आरोपी पुलिस की गिरफ्तारी से बचकर फरार हो गया था. गिरफ्तारी के एन नरसिम्हा द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर की गई थी.
भुवनेश्वर: ओडिशा (Odisha) पुलिस ने 5.62 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में तमिलनाडु (Tamil Nadu) से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. पुलिस (Police) ने मंगलवार को यह जानकारी दी. पुलिस ने कहा कि आर्थिक अपराध शाखा (EOW), भुवनेश्वर (Bhubaneswar) ने 2015 में दर्ज एक बैंक धोखाधड़ी मामले में तमिलनाडु के त्रिचिनापल्ली जिले से त्रिची के आरोपी एस कथिरेसन (S Kathiresan) को गिरफ्तार किया है. Odisha Fake Currency Racket: ओडिशा में अंतरराज्यीय नकली करेंसी रैकेट का भंडाफोड़, 6 गिरफ्तार
तत्कालीन कॉपोर्रेशन बैंक (अब यूनियन बैंक ऑफ इंडिया) के तत्कालीन मुख्य प्रबंधक, ईओडब्ल्यू ने एक आधिकारिक बयान में कहा, मामला दर्ज होने के बाद से ही आरोपी पुलिस की गिरफ्तारी से बचकर फरार हो गया था. गिरफ्तारी के एन नरसिम्हा द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर की गई थी.
ईओडब्ल्यू ने कहा कि काथिसेरन को सोमवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट- 4, त्रिचिनापल्ली के समक्ष पेश किया गया और बुधवार को एसडीजेएम, भुवनेश्वर की अदालत में पेश किया जाएगा, जिसे ट्रांजिट रिमांड पर लाया जाएगा.
पुलिस अधिकारी ने कहा, "वर्ष 2009 के दौरान आरोपी ने जगन्नाथ फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और केएएस फाउंडेशन के सीईओ की हैसियत से एसएचजी/ संयुक्त देयता समूह आदि को ऋण देने के उद्देश्य से 5 करोड़ रुपये का ऋण लिया था."
हालांकि, कंपनी किश्तों का भुगतान करने में विफल रही और आखिरकार नवंबर 2011 में खाता लगभग 5.62 करोड़ रुपये के बकाया के साथ एनपीए हो गया.
अधिकारी ने कहा, "यह भी पाया गया कि काथिरेसन ने गैर-मौजूद कृषकों को ऋण वितरित किया था और बैंक को संभावित राशि के लिए बैंक को धोखा देने के इरादे से फर्जी और झूठे दस्तावेज जमा किए थे और अपने स्वयं के उपयोग के लिए बड़ी राशि का दुरुपयोग किया था."