लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, यहां एक परिवार ने आरोप लगाया है कि एक नर्स ने उनसे 5100 रुपये की मांग की और पैसे न देने पर नवजात को समय पर नहीं सौंपा, जिससे बच्चे की देखभाल में देरी हुई और उसकी मौत हो गई. मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. आर.सी. गुप्ता ने बताया कि परिवार ने आरोप लगाया है कि नर्स ने बार-बार विनती करने के बावजूद बच्चे को नहीं दिया, जिससे बच्चे की हालत बिगड़ती चली गई और अंततः उसकी मौत हो गई.
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क्या है पूरा मामला?
सुजीत कुमार नाम के शख्स ने स्थानीय अधिकारियों और राज्य सरकार से इस घटना की शिकायत की है. सुजीत की पत्नी संजली को 18 सितंबर को करहल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में भर्ती कराया गया था, और अगले दिन 19 सितंबर को उन्होंने एक स्वस्थ बेटे को जन्म दिया. सुजीत का आरोप है कि डिलीवरी के बाद नर्स ज्योति ने उनसे 5100 रुपये की मांग की. जब परिवार तुरंत यह रकम नहीं दे पाया, तो नर्स ने नवजात को एक मेज पर रख दिया और परिवार को बच्चे को सौंपने से मना कर दिया. परिवार का कहना है कि इस दौरान 40 मिनट की देरी हुई, और जब सुजीत ने पैसे जुटाकर दिए, तब तक बच्चे की हालत गंभीर हो चुकी थी.
बच्चे की हालत बिगड़ने के बाद क्या हुआ?
पैसे देने के बाद, बच्चे की बिगड़ती हालत को देखकर सुझित ने तुरंत स्टाफ को सूचित किया, जिसके बाद बच्चे को सैफई मेडिकल कॉलेज ले जाया गया. लेकिन अस्पताल पहुंचने के बाद कुछ ही समय में बच्चे की मौत हो गई. डॉक्टरों ने बताया कि प्रसव के दौरान उचित देखभाल की कमी के कारण बच्चे की हालत बिगड़ी, जिससे उसकी मौत हुई.
नर्स का तबादला
इस घटना के बाद सुजीत ने मामले की शिकायत दर्ज कराई है. CMO डॉ. आर.सी. गुप्ता ने कहा कि इस घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है और जांच रिपोर्ट तीन दिनों के भीतर आने की उम्मीद है. वहीं, निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए नर्स ज्योति का तबादला कर दिया गया है.
सुजीत और उनका परिवार इस घटना से गहरे सदमे में है. उनका कहना है कि अगर नर्स ने समय पर बच्चे को सौंप दिया होता और उसे सही समय पर देखभाल मिल जाती, तो शायद उनका बच्चा आज जिंदा होता. अब परिवार न्याय की मांग कर रहा है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की उम्मीद कर रहा है.