रेलवे भर्ती बोर्ड की ऑनलाइन परीक्षा में धांधली, प्रश्नपत्र हल करने वालों को बैठाने वाले गिरोह के 7 सदस्य गिरफ्तार
भारतीय रेलवे (Photo Credit: PTI)

नोएडा: रेलवे भर्ती बोर्ड के ग्रुप डी की ऑनलाइन परीक्षा के दौरान धांधली का मामला सामने आया है और इस मामले में एक गिरोह के सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश एसटीएफ की नोएडा इकाई ने शुक्रवार को सेक्टर-62 के पास से रेलवे भर्ती बोर्ड ग्रुप डी की ऑनलाइन परीक्षा में अभ्यर्थियों की जगह प्रश्नपत्र हल करने वालों को बैठाने वाले एक गिरोह के सरगना सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में रेलवे का एक कर्मचारी भी शामिल है.

पुलिस ने इन लोगों के पास से चार लाख 51 हजार रुपए नकद, तीन कारें, 100 से ज्यादा प्रवेशपत्र, 50 आधार कार्ड, आठ मोबाइल फोन आदि बरामद किए हैं.  पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में 200 से ज्यादा अभ्यर्थियों से दो करोड़ रूपये से ज्यादा पैसे लेकर उनके स्थान पर प्रश्नपत्र हल करने वालों को बैठाने की बात स्वीकार की है.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक राजकुमार मिश्रा ने बताया कि एक गुप्त सूचना के आधार पर नोएडा एसटीएफ इकाई ने सेक्टर 62 के पास छापा मारा. पुलिस ने वहां से सात लोगों को गिरफ्तार किया. यह भी पढ़ें: मुंबई: रेलवे टिकट की कालाबाजारी करते एक गिरफ्तार, 2 लाख रुपये मूल्य के टिकट भी जब्त

उन्होंने बताया कि पूछताछ में पकड़े गए आरोपियों ने अपने नाम संजीत दहिया पुत्र खजान सिंह निवासी सोनीपत हरियाणा, सुमित कुमार निवासी जनपद बागपत, सुबोध कुमार पुत्र गंधारी पासवान निवासी जनपद नालंदा (बिहार), गजेंद्र कुमार पुत्र बिजेन्दर निवासी जनपद नालंदा (बिहार), सनी कुमार निवासी जनपद नालंदा (बिहार), नवीन कुमार निवासी सोनीपत हरियाणा, विक्रांत निवासी छपरौली, बागपत बताये हैं.

उन्होंने बताया कि इस गिरोह का सरगना संजीत दहिया है और वह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक है. उन्होंने बताया कि एक अन्य आरोपी सुमित रेलवे में चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी है. मौजूदा समय में वह बागपत जिले के छपरौली में रेलवे ट्रैकमैन के पद पर कार्यरत है. वह कुश्ती में राष्ट्रीय स्तर पर खेल चुका है. उसकी रेलवे में स्पोर्ट्स कोटे से भर्ती हुई है. यह भी पढ़ें: रेलवे भर्ती 2018: 90 हजार पदों के लिए वैध उम्मीदवारों की सूची जारी, ऐसे चेक करें लिस्ट में अपना नाम

सीओ ने बताया कि ये लोग प्रत्येक अभ्यर्थी से दो से छह लाख रुपये लेकर उसकी जगह पर प्रश्नपत्र हल करने वाले को बैठाते थे, लेकिन इस बार गिरोह के इस गोरखधंधे का भंड़ाफोड़ हो गया और इस गिरोह के 7 लोग पुलिस के हत्थे चढ़ गए.