पैसों की हेराफेरी के लिए भगोड़े नीरव मोदी ने बनाई थी डमी कंपनियां और शेयरहोल्डर्स

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी को लेकर एक और चौंकाने वाला खुलासा किया है. ईडी के मुताबिक नीरव ने विदेश और भारत में कई फर्जी कंपनियां बना रखी थीं जिससे वह गलत तरीके से प्रॉपर्टी की खरीदी और पैसे इधर से उधर कर सके.

पैसों की हेराफेरी के लिए भगोड़े नीरव मोदी ने बनाई थी डमी कंपनियां और शेयरहोल्डर्स
फरार हीरा कारोबारी नीरव मोदी (Image: Facebook/@NIRAVMODIjewels

मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी को लेकर एक और चौंकाने वाला खुलासा किया है. ईडी के मुताबिक नीरव ने विदेश और भारत में कई फर्जी कंपनियां बना रखी थीं जिससे वह गलत तरीके से प्रॉपर्टी की खरीदी और पैसे इधर से उधर कर सके.

ईडी ने अपनी रिपोर्ट में बताया की भगोड़ा नीरव इन डमी कंपनियों की मदद से पैसों की हेराफेरी करता था. नीरव मोदी ने इन डमी कंपनियों की मदद से ही कई बड़े बैंकिंग घोटाले को अंजाम दिया है. जांच से खुलासा हुआ कि आरोपियों ने हांगकांग, दुबई और अमेरिका में 2011 से आयात और निर्यात के नाम पर डमी कंपनियों का गठन किया था और उसके माध्यम से पैसों का गबन करते रहे.

यह भी कहा गया है कि इन कंपनियों के निदेशक और शेयरधारक भी डमी ही थे, जिसे नीरव की फायरस्टार ग्रुप ऑफ कंपनीज ने तैनात किया था. वे नीरव और उसके भरोसेमंद अधिकारियों श्यामसुंदर वाधवा, आदित्य नानावटी, मिहिर भंसाली और संजू पाउलुस के निर्देश पर काम करते थे.

ईडी के मुताबिक उसकी कंपनियों को पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की सिर्फ मुंबई शाखा से ही नहीं बल्कि हांगकांग और दुबई की शाखाओं से भी कर्ज की सुविधा दी गई थी.

ज्ञात हो की ईडी 24 मई को 13,400 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले में भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी समेत 23 के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया, जिसमें मोदी के पिता, बहन व साले के भी नाम हैं. यह घोटाला साल 2011 से 2017 के बीच किया गया है, जिसमें अवैध रूप से लेटर्स ऑफ अंडरटेकिग (एलओयूज) और फॉरेन लेटर्स ऑफ क्रेडिट (एफएलसीज) जारी कराए गए थे.

यह करीब 12,000 पन्नो की है. इसे मुंबई की विशेष अदालत में दाखिल किया गया. इस आरोपपत्र में नीरव मोदी, उसकी बहन पूर्वी मेहता, साला मैनक मेहता, भाई निशाल मोदी, संबंधी नेहल मोदी, पिता दीपक मोदी और 18 अन्य आरोपित हैं.

नीरव मोदी की तीन कंपनियों - सोलर एक्सपोर्ट्स, स्टीलर डायमंड और डायमंड आर यूएस ने धोखाधड़ी से पीएनबी के मुंबई की ब्रैडी हाउस शाखा से 6,498 करोड़ रुपये के एलओयूज हासिल किए थे. आरोपपत्र में इन कंपनियों के भी नाम हैं.

आरोपपत्र में कहा गया है कि इन कंपनियों ने घोटाले से रकम निकालकर उसका इस्तेमाल कई विदेशी कंपनियों को भुगतान करने तथा पहले के निकाले गए एलओयू का भुगतान करने के लिए किया. हीरा व्यापारी पीएनबी द्वारा शिकायत दर्ज कराने के एक महीने पहले ही अपने परिवार के साथ देश छोड़कर फरार हो गया.


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