Lok Sabha Speaker: कौन होगा लोकसभा का नया अध्यक्ष? NDA कल करेगी स्पीकर के उम्मीदवार का ऐलान
18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू हो गया है. सोमवार को सदन में पीएम मोदी और फिर उनके मंत्रिमंडल में शामिल सदस्यों ने शपथ ली. अब पक्ष और विपक्ष के साथ पूरे देश की निगाहें लोकसभा स्पीकर के चुनाव पर हैं.
नई दिल्ली: 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू हो गया है. सोमवार को सदन में पीएम मोदी और फिर उनके मंत्रिमंडल में शामिल सदस्यों ने शपथ ली. अब पक्ष और विपक्ष के साथ पूरे देश की निगाहें लोकसभा स्पीकर के चुनाव पर हैं. लोकसभा स्पीकर का 26 जून को चुनाव होना है. इस बीच खबर आ रही है कि NDA कल यानी मंगलवर को लोकसभा स्पीकर के उम्मीदवार का ऐलान करेगी.
स्पीकर पद को लेकर इतनी हलचल इसलिए है, क्योंकि वहीं तय होगा कि सरकार और विपक्ष पर कितनी शक्ति है. स्पीकर चुनाव को लेकर सत्ताधारी बीजेपी की अपनी रणनीति है तो वहीं विपक्ष की अपनी शर्तें. विपक्ष नहीं चाहता है कि स्पीकर पद बीजेपी के पास जाए.
सदन में स्पीकर की शक्तियां
लोकसभा स्पीकर के पास असीमित शक्तियां होती हैं. उनके पास यह तय करने का अधिकार है कि कौन सा सदस्य संसद को संबोधित कर सकता है या सदन में सवाल उठा सकता है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वह किसी कानून को स्वीकार या अस्वीकार कर सकते हैं जिसे सरकार धन विधेयक के रूप में पारित करना चाहती है.
लोकसभा स्पीकर संसदीय बैठकों का एजेंडा भी तय करते हैं और सदन में विवाद होने पर स्पीकर नियमानुसार कार्रवाई करते हैं. ऐसे में अगर विपक्ष का स्पीकर हो, तो सदन का कामकाज चलाना काफी मुश्किल हो जाता है.
विपक्ष की उठापठक
विपक्ष लोकसभा स्पीकर पद को लेकर लगातार दांव चल रहा है. इंडिया गठबंधन के नेताओं ने जदयू प्रमुख व बिहार के नीतीश कुमार और टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू से अपील की कि वे खुद अपना लोकसभा स्पीकर बनाने के लिए दबाव बनाएं. लेकिन जब विपक्ष का ये दांव नहीं चला, दोनों दलों की ओर से साफ कर दिया गया कि एनडीए का जो भी प्रत्याशी होगा, वे उसका समर्थन करेंगे, इसके बाद से विपक्ष अपना प्रत्याशी उतारने के बारे में विचार करने लगा है.
दरअसल अब विपक्ष डिप्टी स्पीकर का पद चाह रहा है. विपक्ष की रणनीति यह है कि स्पीकर चुनाव के बहाने सरकार को डिप्टी स्पीकर का पद उसे देने के लिए मजबूर किया जाए.