NCERT कक्षा 12वीं पॉलिटिकल साइंस की किताब में जुड़ा आर्टिकल 370 का नया अध्याय, हटा जम्मू-कश्मीर की अलगाववाद राजनीति का चैप्टर

नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग यानी एनसीईआरटी ने कक्षा 12वीं पॉलिटिकल साइंस की पुस्तक में नया अध्याय जोड़ा है. जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने के लिए आर्टिकल 370 हटाए जाने और घाटी में अलगाववाद की जानकारी देने के लिए कक्षा 12वीं राजनीति विज्ञान के पाठ्यपुस्तक के अध्याय में संशोधन किया है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Wikimedia Commons)

नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (National Council of Educational Research and Training) यानी एनसीईआरटी (NCERT) ने कक्षा 12वीं पॉलिटिकल साइंस (Political Science) की पुस्तक में नया अध्याय जोड़ा है. जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) से विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने वाले आर्टिकल 370 (Article 370) के निरस्तीकरण का नया अध्याय  जुड़ गया है और घाटी में अलगाववाद (Separatism) की राजनीति वाले अध्याय को हटा दिया गया है. पुस्तक में 'सेपरेटिज्म एंड बियॉन्ड' विषय को '2002 एंड बियॉन्ड' से रिप्लेस किया गया है. दरअसल, 12वीं पॉलिटिकल साइंस की किताब में क्षेत्रीय आकांक्षाएं (Regional Aspirations) विषय का अध्याय है, जिसमें अनुच्छेद 370 के बारे में बताया गया है.

क्षेत्रीय आकांक्षाएं नामक अध्याय में बताया गया है कि आर्टिकल 370 के चलते ही जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा मिला था और यहां के लोगों को दोहरी नागरिकता मिलती थी. इसके साथ ही इसमें लिखा गया है कि कैसे पड़ोसी देश पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देता रहा और कैसे साल 1990 में कश्मीरी पंडित कश्मीर से पलायन करने पर मजबूर हो गए.

किताब के इस संशोधित अध्याय में बताया गया कि कैसे कश्मीर में सालों तक तनावपूर्ण स्थिति बनी रही और आजादी से पहले सन 1947 में पाकिस्तान ने कश्मीर के एक बड़े हिस्से पर जबरन कब्जा कर लिया, जिसे पीओके यानी पाक अधिकृत कश्मीर कहते हैं, जो कि मूल रूप से भारत का अभिन्न हिस्सा है. यह भी पढ़ें: आर्टिकल 370: दसवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल हुआ जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून

2002 एंड बियॉन्ड शीषर्क वाला नया खंड कहता है कि महबूबा मुफ्ती के कार्यकाल के दौरान आंतकवाद के साथ-साथ घाटी में बाहरी और आंतरिक तनाव जैसी समस्याएं काफी बढ़ने लगीं, जिसके चलते जून 2018 में बीजेपी ने मुफ्ती सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया. 5 अगस्त 2019 में बीजेपी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को एक देश एक कानून के तहत निरस्त कर दिया था. इसके साथ ही राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया. पहला जम्मू-कश्मीर और दूसरा लद्दाख.

गौरतलब है कि आर्टिकल 370 के निरस्तीकरण का नया अध्याय जोड़ने और जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद की राजनीति के चैप्टर को हटाने के अलावा एनसीईआरटी ने कश्मीर में शांति टॉपिक पर बने एक राजनीतिक कार्टून को अध्याय से हटा दिया है. इस कार्टून में गोलियों से भरे एक कबूतर को दर्शाया गया था.

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