Nashik Oxygen Tanker Leak: नासिक में ऑक्सीजन आपूर्ति बाधित होने से 22 मरीजों ने गंवाई जान, परिजनों को 5-5 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान
नासिक के जाकिर हुसैन अस्पताल में ऑक्सीजन टैंक लीक (Photo Credits: ANI)

महाराष्ट्र (Maharashtra) के नासिक नगर निगम (Nashik Nagar Nigam) के एक अस्पताल में बुधवार को ऑक्सीजन टैंक (Oxygen Tank) में अचानक खामी आने की वजह से इस गैस की आपूर्ति बाधित होने से कम से कम 22 कोविड-19 मरीजों की मृत्यु हो गयी. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. मृतकों में 11 पुरुष और इतनी ही महिलाएं थीं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) ने बुधवार को घटना पर दु:ख जताया और मारे गये 22 रोगियों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की. घटना पर दु:ख जताते हुए ठाकरे ने इसकी व्यापक जांच कराये जाने की भी घोषणा की. उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘घटना में मारे गये हर व्यक्ति के परिजन को पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. मैं लोगों से अपील करता हूं कि किसी तरह की राजनीति इस पर नहीं करें.’’ जिलाधिकारी सूरज मांढरे ने कहा कि अस्पताल में ऑक्सीजन टैंक के रख-रखाव को देखने वाली एक निजी कंपनी के टेक्नीशियनों ने टैंक के वाल्व को बंद कर दिया जिससे और लोगों को बचाया जा सका. यह भी पढ़ें- Maharashtra Lockdown: कोरोना से मचे हाहाकार के बीच महाराष्ट्र में संपूर्ण लॉकडाउन लगना तय! सीएम उद्धव ठाकरे करेंगे ऐलान.

हादसे से तीन दिन पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी 16 मार्च से 20 अप्रैल के बीच के बड़े शहरों के आंकड़ों में प्रति दस लाख नागरिकों में संक्रमण के मामलों के लिहाज से नासिक सर्वाधिक प्रभावित शहर है. अधिकारियों के अनुसार ऑक्सीजन के भंडारण टैंक से रिसाव के कारण मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित हो गयी थी. नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अस्पताल में 150 मरीज भर्ती थे जिनमें से घटना के समय 23 वेंटिलेटर पर थे तथा बाकी ऑक्सीजन पर थे. जिलाधिकारी सूरज मांढरे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मौजूदा जानकारी के अनुसार जाकिर हुसैन निगम अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने से 22 लोगों की मृत्यु हो गयी. ये रोगी वेंटिलेटर और ऑक्सीजन पर थे. ऑक्सीजन आपूर्ति टैंक में रिसाव के बाद गैस की आपूर्ति बाधित हो गयी.’’

मांढरे ने कहा कि नगर निगम ने तत्काल शहर में दूसरी जगहों से ऑक्सीजन सिलेंडर लाकर लगाये हैं जहां ऑक्सीजन की जरूरत अपेक्षाकृत कम थी. स्थानीय अधिकारियों के अनुसार दोपहर करीब 12.30 बजे ऑक्सीजन रिसाव का पता चला जिसके बाद अस्पताल के अधिकारियों को जानकारी दी गयी. अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद अस्पताल के अधिकारियों ने निगम आयुक्त कैलाश जाधव से संपर्क कर रिसाव रोकने के लिए तकनीकी मदद मांगी. मांढरे ने कहा कि अस्पताल परिसर में स्थित ऑक्सीजन भंडारण टैंक का रख-रखाव एक निजी कंपनी देखती है.

उन्होंने कहा, ‘‘हमने सरकार को समस्त जानकारी दे दी है. जहां तक ऑक्सीजन आपूर्ति की बात है तो नासिक नगर निगम को उन स्थानों से सिलेंडर मिल गये हैं जहां इनकी जरूरत अपेक्षाकृत कम है. इन सिलेंडरों से रोगियों को ऑक्सीजन दी जाएगी.’’ संभागीय राजस्व आयुक्त राधाकृष्ण गामे ने कहा कि शहर के द्वारका क्षेत्र में स्थित अस्पताल के परिसर में 13 किलोलीटर क्षमता का ऑक्सीजन टैंक लगाया गया था. उन्होंने कहा, ‘‘सुबह 10 बजे के आसपास ऑक्सीजन भंडारण टैंक का एक सॉकेट टूट गया और रिसाव शुरू हो गया. जब अस्पताल कर्मियों को पता चला तो उन्होंने रोगियों को ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए बड़े सिलेंडरों को लगाया तथा कुछ रोगियों को वहां से हटाना शुरू कर दिया.’’

गामे ने बताया कि रिसाव रोक लिया गया है और टैंक की मरम्मत के बाद ऑक्सीजन आपूर्ति को सामान्य किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘घटना के बाद लोग अस्पताल के वार्डों में पहुंचने लगे जिससे बचाव अभियान में अड़चन आई. इस दौरान एक ऑक्सीजन टैंकर अस्पताल परिसर में पहुंच गया. टैंकर के साथ आये टेक्नीशियनों ने टैंक का लॉक खोला तथा वाल्व बंद कर दिया जिससे ऑक्सीजन का रिसाव बंद हो गया.’’ महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने घटना पर दु:ख जताते हुए कहा कि यह पता लगाने के लिए घटना की पूरी तरह जांच कराई जाएगी कि क्या रिसाव लापरवाही की वजह से हुआ.

टोपे ने कहा, ‘‘बहुत भयावह घटना घटी है। यह नासिक नगर निगम द्वारा संचालित कोविड-19 अस्पताल है जहां 157 रोगियों को भर्ती कराया गया था जिनमें से 67 वेंटिलेटर पर थे.’’ मंत्री ने कहा, ‘‘यह अभी पता लगाना है कि क्या ऑक्सीजन टैंक से रिसाव लापरवाही की वजह से हुआ था. घटना की पूरी तरह जांच की जाएगी.’’ निगम आयुक्त जाधव ने कहा कि अब कोई रोगी गंभीर हालत में नहीं है. घटना के बाद अस्पताल के बाहर माहौल गमगीन था। इस हादसे में अपनी 60 वर्षीय मां को खोने वाली लीला शेलार ने कहा, ‘‘मंगलवार को मेरी मां को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और वेंटिलेटर पर रखा गया था.’’

उन्होंने दावा किया कि जब उनकी मां ने सांस लेने में परेशानी की शिकायत की तो नर्सिंग कर्मियों ने ध्यान नहीं दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने नासिक के हादसे पर दु:ख जताया. प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा, ‘‘नासिक के अस्पताल में भंडारण संयंत्र से ऑक्सीजन रिसाव की घटना हृदय विदारक है. इससे हुई मौतों से मैं क्षुब्ध हूं. दु:ख की इस घड़ी में पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं.’’ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मृतकों के परिजनों के प्रति गहन संवेदना व्यक्त की है.

उन्होंने हिंदी में ट्वीट किया, ‘‘नासिक के एक अस्पताल में ऑक्सीजन लीक होने से हुई दुर्घटना का समाचार सुन व्यथित हूँ. इस हादसे में जिन लोगों ने अपनों को खोया है उनकी इस अपूरणीय क्षति पर अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूँ. बाकी सभी मरीजों की कुशलता के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ.’’ कोश्यारी ने कहा, ‘‘मैं नासिक के जाकिर हुसैन अस्पताल में ऑक्सीजन टैंक रिसाव की दुर्भाग्यपूर्ण घटना में बेगुनाह कोविड-19 रोगियों की मृत्यु की खबर सुनकर बहुत दु:खी हूं.’’

भाजपा विधायक और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री गिरीश महाजन ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा दिये जाने की मांग की. उन्होंने कहा, ‘‘हमें डर है कि ऑक्सीजन की आपूर्ति कम होने से और रोगियों की मौत हो सकती है क्योंकि सरकार ने राज्य में स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत ही नहीं किया है.’’ महाराष्ट्र विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष प्रवीण डारेकर ने आरोप लगाया कि सरकार लोगों की पीड़ा को कम करने में असमर्थ रही है.

इस बीच वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और जवानों ने अस्पताल पहुंचकर हालात को काबू में किया. नासिक के पुलिस आयुक्त दीपक पांडेय ने कहा कि स्टोरेज टैंक भरते समय रिसाव होने से हादसा हुआ. ठाकरे ने कहा, ‘‘ऑक्सीजन रिसाव की वजह से 22 लोगों की मौत एक दु:खद घटना है. मैं शब्दों में अपना दु:ख नहीं जता सकता.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि इस घटना में अपने प्रियजनों को खोने वालों को कैसे सांत्वना दूं. हालांकि यह एक हादसा था, लेकिन इसकी पूरी तरह जांच की जाएगी.’’