Narendra Modi Birthday: आशावाद, सकारात्मक सोच एवं संघर्ष-पथ पर कदम-दर-कदम नरेंद्र मोदी! जानें उनके जीवन के कुछ प्रेरक तथ्य!
नरेंद्र मोदी का जीवन का हर अध्याय प्रेरणादायक और चुनौतियों भरा रहा है. 17 सितंबर 1950 को हीरा बा और दामोदर दास मूलचंद मोदी के घर जन्मे नरेंद्र मोदी का जीवन बहुत संघर्षों से भरा रहा है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक के दफ्तर की साफ-सफाई करने और कुर्सियां लगाने वाला एक मामूली शख्स एक दिन देश का सर्व शक्तिशाली व्यक्ति बन जाएगा, इसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. लेकिन नरेंद्र दामोदर मोदी ने अपनी आशावादिता, सच्ची लगन, सकारात्मक एवं कठोर परिश्रम के दम उस पद पर आसीन हुए. दस वर्षों से भारत की बागडोर संभाल रहे हैं, मोदी के बारे में कहा जा रहा है कि 2024 का चुनाव वह पुनः जीतेंगे. देश=विदेश में लोकप्रियता के परचम लहरा रहे नरेंद्र दामोदर मोदी 17 सितंबर 2023 को अपना 73वां जन्मदिन मनायेंगे. इस अवसर पर हम बात करेंगे उनके संघर्षपूर्ण जीवन के कुछ अनछुए पहलुओं के बारे में- PM मोदी ने ब्राजील को सौंपी G20 की अध्यक्षता, समिट की सफलता से दुनिया में बढ़ा भारत का दबदबा.
संघर्षों और सपनों भरा बचपन
नरेंद्र मोदी का जीवन का हर अध्याय प्रेरणादायक और चुनौतियों भरा रहा है. 17 सितंबर 1950 को हीरा बा और दामोदर दास मूलचंद मोदी के घर जन्मे नरेंद्र मोदी का जीवन बहुत संघर्षों से भरा रहा है. किराने की दुकान से उनके परिवार का भरण-पोषण होता था. छह भाई-बहनों में तीसरे नंबर के नरेंद्र मोदी अपने भाई के साथ चाय बेचने में अपने पिता की मदद करते थे. उनकी स्कूली शिक्षा वडनगर (गुजरात) में पूरी की. यहां तक कि अपने स्कूल शिक्षा के वर्षों में भारत-पाकिस्तान के युद्ध के दौरान मेहसाणा रेलवे स्टेशन पर सैनिकों को चाय बेचकर गुजारा किया.
छात्र विंग एबीवीपी प्रभारी
साल 1971 में भारत पाकिस्तान युद्ध के ठीक बाद मोदी गुजरात राज्य सड़क परिवहन निगम में स्टाफ कैंटीन में बतौर प्रचारक के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में शामिल हो गए. इस संघ के नियमों के अनुसार मोदी कार्यालय की सफाई, एवं मेहमानों के लिए कुर्सियां बिछाने का कार्य करते थे. 1977 में आपातकाल विरोधी आंदोलन में उनकी सक्रिय भागीदारी को देखते हुए संघ ने उन्हें अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी. शीघ्र ही उन्हें गुजरात में अखिल विद्यार्थी परिषद (ABVP) की छात्र विंग का प्रभारी बना दिया गया.
आरएसएस से भाजपा राष्ट्रीय सचिव बनना
साल 1985 में उनकी क्षमता, ईमानदारी और सकारात्मक सोच को देखते हुए उन्हें आरएसएस से भाजपा में प्रवेश मिला. पद प्रतिष्ठा होता रहा, मोदी अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं करते हुए अपना कार्य ईमानदारी से करते रहे. साल 1988 में उन्हें भाजपा गुजरात शाखा का आयोजन सचिव बनाया गया. 1995 के विधानसभा चुनावों में पार्टी को भारी भरकम जीत दिलाई. एक बार पुनः मोदी की पदोन्नति हुई, वे भाजपा का राष्ट्रीय सचिव के रूप में नई दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया।
डगर- सीएम से पीएम तक
साल 2001 में भाजपा ने केशुभाई पटेल को रिप्लेस कर नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री बनाया. मोदी ने पार्टी के विश्वास को बिना ठेस पहुंचाए 2002 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को भारी जीत दिलाई. यहां से उनका विजय रथ निर्विरोध आगे बढ़ता रहा. 2007 में इंडिया टुडे की सर्वे टीम ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री नामित किया. पार्टी के प्रति सक्रियता और हार्ड वर्क को देखते हुए पार्टी ने 2014 के लोकसभा चुनाव का दायित्व उन्हें सौंपा.
मोदी ने राजग गठबंधन के साथ 336 सीट जीतकर स्पष्ट बहुमत से ज्यादा की जीत दिलाई. इस चुनाव में भाजपा को 282 सीटें मिली थी. इस तरह नरेंद्र मोदी गुजरात सीएम से देश के पीएम बनें. जनता पर मोदी मैजिक 2019 में भी खूब चला. राजग को 353 और भाजपा को 303 सीटों के साथ स्पष्ट जीत मिली. विभिन्न चैनलों के सर्वे के अनुसार 2024 में भी मोदी मैजिक चलेगा.
नरेंद्र मोदी से जुड़े कुछ प्रेरक तथ्य!
- मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने 10 वर्षों में एक दिन भी छुट्टी नहीं ली. कहा जाता है वह केवल पांच घंटे सोते हैं.
- विपक्षी नेता आये दिन उन्हें कोसते हैं, लेकिन वह स्वयं को प्रधान सेवक मानते हैं.
- नरेंद्र मोदी देश में हों या विदेश में वह प्रतिदिन सुबह 05.30 बजे योग अवश्य करते हैं.
- साल 1967 में उन्होंने घर बार छोड़कर उत्तरी और पूर्वी भारत की यात्रा की.
- मोदी रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं से बहुत प्रभावित थे.
- नरेंद्र मोदी विशुद्ध हिंदू हैं, और नवरात्रि में नौ दिन उपवास करते हैं.
- नरेंद्र मोदी पूर्ण शाकाहारी हैं, न शराब का सेवन करते हैं और ना ही धूम्रपान की आदत है.
- नरेंद्र मोदी को जो भी उपहार मिलता है, उसकी नीलामी करवाकर उससे प्राप्त धन कन्या केलावानी फंड (बालिका शिक्षा निधि) को दान करते हैं, जो लड़कियों की शिक्षा में मदद करते हैं.