नई दिल्ली: चीन में एक बार फिर हाहाकार मचा हुआ है. यहां रहस्यमयी निमोनिया कहे जा रहे इन्फ्लूएंजा ए वायरस के सब-टाइप एच9एन2 का कहर देखने को मिल रहा है. चीन के बाद अब भारत में भी इसके मामले सामने आ चुके हैं. चीन के माइकोप्लाज्मा निमोनिया (Mycoplasma Pneumonia) के केस भारत में भी मौजूद है. भारत में अप्रैल से अक्टूबर 2023 के बीच एम्स दिल्ली को 7 सैंपल पॉजिटिव मिले हैं. चीन के ‘निमोनिया’ से भारत को लोगों को भी खतरा? डॉक्टरों की चेतावनी- बच्चों की खांसी को हल्के में न लें.
दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने माइकोप्लाज्मा निमोनिया की पहचान की है. लैंसेट माइक्रोब जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, एम्स दिल्ली ने अप्रैल और सितंबर 2023 के बीच एकत्र किए गए सात नमूनों में इस बैक्टीरिया का पता लगाया जो 'वॉकिंग निमोनिया' का कारण बनता है.
अमेरिकन लंग एसोसिएशन के अनुसार, लक्षणों में खांसी, बुखार, सीने में दर्द, हल्की ठंड लगना और सिरदर्द शामिल हैं. भारत के अलावा डेनमार्क और नीदरलैंड में भी इस निमोनिया के मामले सामने आ चुके हैं.
कितना तैयार है भारत
चीन में बच्चों में एच9एन2 मामलों के प्रकोप और श्वसन संबंधी बीमारियों को लेकर भारत सरकार स्थिति पर नजर रख रही है और बचाव के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय इस स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए है. निमोनिया के सामान्य लक्षणों में बलगम और बिना बलगम के साथ होने वाली खांसी, बुखार, ठंड लगना और सांस लेने में दिक्कत होना शामिल है. चीन में फैले इस रहस्यमयी निमोनिया की बात करें तो इसके लक्षणों में बिना खांसी के तेज बुखार और फेफड़ों में सूजन शामिल हैं.