Mumbai Malaria Cases: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में मलेरिया और अन्य मानसूनी बीमारियों का कहर तेजी से बढ़ रहा है. बीएमसी (बृहन्मुंबई महानगरपालिका) की ताज़ा रिपोर्ट और मिडडे न्यूज पेपर में प्रकाशित खबर के अनुसार, जनवरी से जून 2025 के बीच मलेरिया के 2875 मामले दर्ज किए गए हैं, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि (2055 मामले) की तुलना में 39% अधिक हैं. सिर्फ जून महीने में ही 802 मामले सामने आए, जो सामान्य से कहीं ज्यादा है.
जून में मलेरिया मामलों में अचानक वृद्धि ने बढ़ाई चिंता
बीएमसी की कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दक्ष शाह ने मीडिया से बातचीत में बताया, “आमतौर पर भारी बारिश के कारण मलेरिया के मामले जुलाई-अगस्त में अधिक आते हैं, लेकिन इस बार मानसून अप्रैल के अंत में शुरू होने के कारण जून में ही मामलों में तेज़ी देखी गई. यह भी पढ़े: Dengue and Malaria cases in Noida: नोएडा में डेंगू और मलेरिया के मामलों में बढ़ोतरी, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
मलेरिया के साथ चिकनगुनिया और गैस्ट्रो के मामले भी बढ़े
डॉ. दक्ष शाह के अनुसार, मलेरिया के साथ-साथ चिकनगुनिया और गैस्ट्रो के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है। जनवरी से जून 2025 के बीच चिकनगुनिया के 136 मामले दर्ज हुए, जबकि पिछले वर्ष में यह संख्या केवल 21 थी। इसके अलावा, गैस्ट्रो के 4513 मामले इस साल की पहली छमाही में सामने आए, जो 2024 की तुलना में अधिक हैं (4200 केस)। बीएमसी ने बताया कि मानसून जल्दी शुरू होने के कारण, बाहर का दूषित भोजन खाने से संक्रमण बढ़ा, खासकर उन लोगों में जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है.
सभी बुखार के मरीजों की मलेरिया जांच अनिवार्य
बीएमसी ने सभी अस्पतालों को निर्देश दिया है कि हर बुखार के मरीज की मलेरिया जांच अनिवार्य रूप से की जाए, चाहे बुखार हल्का ही क्यों न हो. डॉ. दक्ष शाह ने कहा कि अब निजी अस्पतालों को भी मलेरिया के मामलों का डेटा बीएमसी को भेजना होगा.
3,000 से अधिक निर्माण स्थलों पर विशेष अभियान
मलेरिया के प्रसार को रोकने के लिए बीएमसी ने 3033 निर्माण स्थलों पर विशेष स्वास्थ्य अभियान चलाया. यहां 50,085 वर्करों के रक्त के सैंपल लिए गए, जिनमें से 30 मामलों में मलेरिया की पुष्टि हुई। सभी संक्रमितों को तत्काल इलाज दिया गया.













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