मंडीदीप निवासी माहिला का विवाह फरवरी 2016 में होशंगाबाद में हुई थी. शादी के 9 महीने बाद पति दहेज की मांग करने लगा. दहेज की वजह से पति ने पत्नी के साथ मारपीट की और उसे घर से निकाल दिया. जिसके बाद वो अपने मायके चली गई. दो साल तक उसकी पति से न तो कोई बात हुई और न ही उसका पति उसे लेने आया. महिला के भाई अपने जीजा से इतना ज्यादा नाराज थे कि वो बहन को उसके पति से बात तक नहीं करने देते थे.
भाइयों के दबाव में आकर महिला ने भोपाल फैमली कोर्ट में तलाक की अर्जी दायर कर दी. पति पत्नी की जब पहली काउंसिलिंग हुई तब दोनों ने एक दूसरे से बात तक नहीं की. जब भी पति पत्नी से बात करने की कोशिश करता तो भाई जवाब देते. इस दौरान काउंसलर को समझ में आ गया कि पूरा झगड़ा दहेज को लेकर था. पति ने अपनी सारी गलती मान ली और पत्नी से माफी मांगी लेकिन, महिला भाइयों के दबाव में आकर तलाक के लिए अड़ी रही.
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दोनों को तीसरी काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया. 5 घंटे की इस काउंसिलिंग में पति ने पत्नी को मनाने की हर एक कोशिश की. काउंसलर के सामने महिला ने कहा कि जब तक उसका पति उसके पैर पकड़कर उससे माफी नहीं मांगता तब तक वो उसे माफ नहीं करेगी. इतना सुनते ही पति ने पत्नी के पैर पकड़ लिए और उससे अपने सभी गुनाहों की माफी मांगी. पत्नी को लगा नहीं था कि पति ऐसा कर सकता है. पत्नी ने पति को उठाया और उसे माफ कर दिया.