कंगाल पाकिस्तान पर मोदी सरकार का एक और वार, पाकिस्तानियों को हुआ करोड़ो का नुकसान

बीएसई पर सौदे के बारे में उपलब्ध जानकारी के अनुसार, कस्टडियन ऑफ एनेमी प्रॉपर्टी फॉर इंडिया ने कंपनी के 4.43 करोड़ से अधिक शेयरों को 258.90 रुपये प्रति शेयर की दर से बेचा है.

इमरान खान और पीएम मोदी (Photo Credit-IANS)

नयी दिल्ली: सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी विप्रो के करीब 1,150 करोड़ रुपये के शत्रु शेयरों की बिक्री भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) एवं दो अन्य सरकारी बीमा कंपनियों को की है.

बीएसई पर सौदे के बारे में उपलब्ध जानकारी के अनुसार, कस्टडियन ऑफ एनेमी प्रॉपर्टी फॉर इंडिया ने कंपनी के 4.43 करोड़ से अधिक शेयरों को 258.90 रुपये प्रति शेयर की दर से बेचा है.

ये शेयर एलआईसी के अलावा जनरल इंश्योरेंस और दी न्यू इंडिया एश्योरेंस को बेचे गये हैं. इनमें सर्वाधिक 3.86 करोड़ शेयर एलआईसी ने खरीदे. इससे प्राप्त राशि सरकार के विनिवेश के खाते में जाएगी.

क्या है शत्रु संपत्ति अधिनियम?

साल 1947 में भारत के बंटवारे, 1962 में चीन युद्ध, 1965 और 1971 पाकिस्तान के खिलाफ हुई जंगों के बाद इन देशों के नागरिकों की संपत्तियों को सरकार शत्रु संपत्ति मानती है. ऐसी संपत्तियों की देखरेख के लिए सरकार एक कस्टोडियन की नियुक्ति करती है. शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत ज़मीन, मकान, सोना, गहने, कंपनियों के शेयर और दुश्मन देश के नागरिकों की किसी भी दूसरी संपत्ति को अधिकार में लिया जा सकता है.

भाषा इनपुट 

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