तिरुवनंतपुरम, 18 जनवरी : केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार (Praveen Pawar) ने यहां बुधवार को कहा कि महामारी नीति को स्वास्थ्य नीति का एक परिभाषित हिस्सा होना चाहिए, क्योंकि कोई भी स्वास्थ्य संकट आज हमारी परस्पर जुड़ी दुनिया की बहुक्षेत्रीय प्रकृति के कारण आर्थिक संकट की ओर ले जाता है. भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत पहली स्वास्थ्य कार्य समूह की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि महामारी की रोकथाम, तैयारी और प्रतिक्रिया के लिए विविध बहु-क्षेत्रीय और बहु-एजेंसी समन्वय प्रयासों की जरूरत होती है. उन्होंने समुदायों को मजबूत बनाने और सशक्त बनाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि भविष्य की स्वास्थ्य आपात स्थितियों के लिए लचीला बनें.
उसने कहा, "कोविड-19 अंतिम महामारी नहीं है. सीखने को हमारी तैयारियों और प्रतिक्रिया के लिए एजेंडा बनाना चाहिए. हमें अपनी क्षमताओं में विविधता लाने और यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हम सामूहिक रूप से किसी भी स्वास्थ्य संकट का सामना करते हुए खुद को सुरक्षित रखें." विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन और नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य डॉ. वी.के. पॉल भी इस अवसर पर उपस्थित थे. मुरलीधरन ने चिकित्सा पद्धतियों और नवाचार की भारत की मजबूत संस्कृति पर प्रकाश डालते हुए कहा, "माननीय प्रधानमंत्री का एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के लिए आह्वान प्रो-प्लैनेट दृष्टिकोण है, जो एक तेजी से वैश्वीकृत दुनिया के लिए प्रकृति के अनुरूप है." उन्होंने प्रतिनिधियों पर किसी भी स्वास्थ्य आपात स्थिति को प्रभावी ढंग से पूरा करने में सक्षम होने के लिए तैयारियों और प्रतिक्रिया के लिए हमारे एजेंडे को संरेखित करने की जरूरत पर जोर दिया. यह भी पढ़ें : Mini Gun Factory Busted in Palamu: पलामू में मिनी गन फैक्टरी का भंडाफोड़, तीन लोग गिरफ्तार
उन्होंने कहा, "हमें भविष्य में किसी भी स्वास्थ्य चुनौती से सामूहिक रूप से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए." केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने जी20 प्रेसीडेंसी के तहत स्वास्थ्य सहयोग में लगे विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर चर्चाओं में कन्वर्जेस हासिल करने के भारत के उद्देश्य पर प्रकाश डाला. उन्होंने जी20 हेल्थ ट्रैक के लिए तीन प्राथमिकताओं - स्वास्थ्य आपात स्थिति की रोकथाम, तैयारी और प्रतिक्रिया (एक स्वास्थ्य और एएमआर पर ध्यान देने के साथ), सुरक्षित, प्रभावी, गुणवत्ता और सस्ती चिकित्सा तक पहुंच और उपलब्धता को दोहराया.
उन्होंने फार्मास्युटिकल क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करन, यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज और हेल्थकेयर सर्विस डिलीवरी में सुधार के लिए डिजिटल हेल्थ इनोवेशन और सॉल्यूशंस पर भी जोर दिया. इंडोनेशियाई और ब्राजील के ट्रोइका सदस्यों ने तीन स्वास्थ्य प्राथमिकताओं को स्थापित करने के लिए भारतीय को प्रेसीडेंसी मिलने की सराहना की. उन्होंने कहा कि महामारी ने स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने का अवसर दिया है और आज जरूरत सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज सुनिश्चित करने के प्रयासों में तेजी लाने की है.