अमृतसर ट्रेन हादसा: अनाथ हुए बच्चों की जिम्मेदारी उठाएंगे नवजोत सिंह सिद्धू
आज भी लोगों के आंख से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहा है. क्योंकि किसी ने अपने पति को खोया है तो किसी ने अपने पिता को, ऐसे इस हादसे में जो बच्चे अनाथ हुए हैं उन बच्चों के बारे में पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने ऐलान किया है कि जो बच्चे इस हादसे के बाद अनाथ हुए है. ऐसे बच्चों के परिवार वालों की वे ताउम्र जिम्मेदारी उठाएंगे.
चंडीगढ़: पंजाब के अमृतसर में दशहरे में मौके पर हुए ट्रेन हादसे को आज करीब चार दिन होने जा रहा है. आज भी लोगों के आंख से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहा है. क्योंकि किसी ने इस हादसे में अपने पति को खोया है तो किसी ने अपने पिता को, ऐसे में इस हादसे में जो बच्चे अनाथ हुए हैं. उन बच्चों के बारे में नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बड़ा ऐलान किया है. उनका कहना है कि जो बच्चे इस हादसे के बाद अनाथ हुए है. ऐसे बच्चों के परिवार वालों की वे ताउम्र मदद करेंगे.
नवजोत सिंह सिद्धू इस हादसे के बाद अनाथ हुए बच्चों की जिम्मदारी उठाने को लेकर बड़ा ऐलान जरूर किया है. लेकिन उनके इस ऐलान से पहले नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू के खिलाफ सोमवार को मुजफ्फरपुर की एक अदालत में याचिका दायर की गई है. यह भी पढ़े: अमृतसर रेल हादसा: गुस्साए लोगों ने सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन, आयोजक अब भी फरार
सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने दायर की यह याचिका
मुजफ्फरपुर की अदालत में नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी के खिलाफ याचिका सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने दायर किया है. जिस याचिका में कहा गया है कि पूर्व क्रिकेटर और पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी होने के कारण कौर के कार्यक्रम में अधिक लोग एकत्रित हुए थे तथा कार्यकम स्थल पर मौजूद सुरक्षा बलों भीड़ को रेलवे ट्रैक से हटाए जाने के बजाए कौर की सुरक्षा में लगे थे. उन्होंने आरोप लगाया कि हादसे के बाद कौर राहत एवं बचाव कार्य चलाने के बजाए वहां से फरार हो गयीं. इसलिए उनके खिलाफ गैर जिम्मेदाराना कृत्य करने और कर्तव्यों का निर्वहन नही करने को लेकर उनके खिलाफ कानूनी कारवाई की जाए. यह भी पढ़े: अमृतसर रेल हादसा: पत्नी नवजोत कौर पर लग रहे आरोपों पर सिद्धू ने कहा- जब दुर्घटना होती है तो किसी को बताकर नहीं होती
कैसे हुआ हादसा
बता दें कि शुक्रवार को पूरा देश जब दशहरा का त्योहार मनाने में मशगूल था. उसी समय पंजाब के अमृतसर शहर में भी लोग खुशी-खुशी त्योहार को मनाने के बाद शाम को लोग अमृतसर के रेलवे फाटक नंबर 27c के पास रावण दहन करने के दौरान रेलवे ट्रैक पर भारी संख्या में खड़े थे. उसी समय तेज रफ़्तार से आ रही जालंधर-अमृतसर पैसेंजर ट्रेन ट्रैक पर खड़े लोगों को रौदते हुए निकला गई. जिस हादसे में 61 लोगों की मौत हुई और 70 लोग घायल हुए.