Mayawati on Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा में कांग्रेस-भाजपा को वोट देकर भविष्य खराब न करें, बसपा को दें समर्थन; मायावती
हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए सभी राजनीतिक दल जोर आजमाइश कर रहे हैं. इस बीच रविवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने मतदाताओं को अपना मत खराब न करने की सलाह दी.
नई दिल्ली, 29 सितंबर : हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए सभी राजनीतिक दल जोर आजमाइश कर रहे हैं. इस बीच रविवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने मतदाताओं को अपना मत खराब न करने की सलाह दी. उन्होंने दलित समुदाय से अपील की है कि वह कांग्रेस और भाजपा को वोट देकर अपने भविष्य को खतरे में न डालें.
मायावती ने कहा कि दोनों पार्टियां दलितों की उपेक्षा और तिरस्कार करती हैं. इससे स्पष्ट है कि इन पार्टियों में दलितों के हितों की रक्षा करने की कोई मंशा नहीं है. उन्होंने दलितों से आग्रह किया कि वह अपना वोट बसपा को दें, जो उनके अधिकारों और कल्याण के लिए लगातार संघर्ष कर रही है. यह भी पढ़ें : Delhi Politics: ‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘दिल्ली में जंगल राज’
मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "हरियाणा में हो रहे विधानसभा आम चुनाव के दौरान भी कांग्रेस द्वारा दलितों की लगातार की जा रही उपेक्षा व तिरस्कार से यह साबित है कि पार्टी में अभी सब कुछ ठीक नहीं है, गलत है तो आगे क्या होगा? ऐसे में दलित समाज के लोग कांग्रेस और भाजपा आदि को अपना वोट देकर इसे खराब न करें. हमेशा आरक्षण विरोधी रही कांग्रेस के नेता अब आरक्षण को समय आने पर खत्म करने की बात करते हैं."
उन्होंने आगे लिखा, "सभी दलित वर्ग के लोग अपना वोट एकतरफा तौर पर बीएसपी को ही दें क्योंकि यही पार्टी उनके हित व कल्याण की सुरक्षा तथा संवैधानिक हक दिलाकर उन्हें शासक वर्ग बनाने के लिए लगातार संघर्षरत है. साथ ही, जम्मू-कश्मीर में दलित वर्ग के लोगों को भी वहां कांग्रेस, भाजपा व अन्य किसी भी गठबंधन आदि के मिथ्या वादे या अन्य बहकावे आदि में नहीं आना है बल्कि इनके दलित विरोधी इतिहास को ध्यान में रखते हुए अपना कीमती वोट एकतरफा तौर पर बीएसपी को ही दें, यही सभी से पुरजोर अपील."
उल्लेखनीय है कि हरियाणा में नई सरकार के गठन के लिए पांच अक्टूबर को सभी 90 सीटों पर मतदान होगा. वहीं, 8 अक्टूबर को चुनावी नतीजे घोषित किए जाएंगे. इसके पहले हरियाणा में 1 अक्टूबर को चुनाव होना था और 4 अक्टूबर को नतीजे आने थे. लेकिन फिर चुनाव आयोग ने तारीखों में बदलाव किया.