महाराष्ट्र का सबसे बड़ा सियासी ड्रामा खत्म: एक सप्ताह के भीतर होगी दूसरे मुख्यमंत्री की ताजपोशी
महाराष्ट्र में रातोरात राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता अजित पवार से 'डील' कर देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री तो बन गए. लेकिन मगर शक्ति-परीक्षण (फ्लोर टेस्ट) से पहले ही अजीत पवार और फडणवीस ने इस्तीफा देकर मैदान छोड़ दिया. जिसके बाद शिवसेना अब एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर नई सरकार बनाने जा रही है. जिसके मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे होंगे. शिवाजी पार्क में 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण का आयोजन किया जा रहा है. महाराष्ट्र के इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब राज्य को एक ही सप्ताह के भीतर दूसरा मुख्यमंत्री मिल रहा है. इसी के साथ बीजेपी महाराष्ट्र की सबसे कम दिनों तक शासन करने वाली सरकार बन गई है. लेकिन इस दरम्यान सूबे में जमकर घमासान देखने को मिला.
मुंबई:- महाराष्ट्र में रातोरात राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता अजित पवार से 'डील' कर देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री तो बन गए. लेकिन मगर शक्ति-परीक्षण (फ्लोर टेस्ट) से पहले ही अजीत पवार और फडणवीस ने इस्तीफा देकर मैदान छोड़ दिया. जिसके बाद शिवसेना अब एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर नई सरकार बनाने जा रही है. जिसके मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे होंगे. शिवाजी पार्क में 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण का आयोजन किया जा रहा है. महाराष्ट्र के इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब राज्य को एक ही सप्ताह के भीतर दूसरा मुख्यमंत्री मिल रहा है. इसी के साथ बीजेपी महाराष्ट्र की सबसे कम दिनों तक शासन करने वाली सरकार बन गई है. लेकिन इस दरम्यान सूबे में जमकर घमासान देखने को मिला.
बता दें कि शनिवार को सुबह 7.30 बजे राज्य के 28वें मुख्यमंत्री के तौर पर देवेंद्र फडणवीस ने शपथ ली थी. वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता अजित पवार उपमुख्यमंत्री बन गए. जिसके बाद लोगों को लगा की यह शरद पवार की पार्टी एनसीपी में फूट पड़ गई. कहा गया कि अजित पवार के साथ एनसीपी के तकरीबन सभी विधायक हैं, लेकिन शरद पवार ने जैसे ही प्रेस कॉन्फ्रेस लेकर मीडिया के सामने पहुंचे तो उनके साथ तकरीबन सभी विधायक नजर आए. इसी के साथ बीजेपी की सरकार के उपर संकट मंडराने लगा. इसी कड़ी में एनसीपी-शिवसेना और कांग्रेस ने अपने 162 के साथ फोटो जारी कर अपनी मजबूती को दर्शा दिया. इस दौरान राज्य में 11 दिन राष्ट्रपति शासन भी लगा रहा.
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सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद आया ट्वीस्ट
गौरतलब हो कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया था कि 27 नवंबर को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट करा कर बहुमत सिद्ध कराया जाए. सुप्रीम कोर्ट के आदेश दिए जाने के बाद सूबे के सीएम और डेप्युटी सीएम ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.