Madrasa Teachers' Salary Hike:  महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले मदरसा के टीचरों को शिंदे सरकार का बड़ा तोहफा, सैलरी में की वृद्धि
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Madrasa Teachers' Salary Hike: महाराष्ट्र में शिंदे और फडणवीस सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले मदरसा के टीचरों को बड़ा तोहफा दिया है. सरकार ने उनके वेतन में बढ़ोतरी की हैं. हालांकि विपक्ष का कहना है कि महाराष्ट्र सरकार आगामी चुनाव को देखते हुए मुस्लिम वोटर को रिझाने के लिए यह फैसला लिया है.

सरकार की तरफ से लिए गए फैसले के मुताबिक मंत्रिमंडल ने डीएड डिग्री वाले मदरसा शिक्षकों का मानदेय 6,000 रुपये से बढ़ाकर 16,000 रुपये और बीए, बीएड और बीएससी डिग्री वाले शिक्षकों का वेतन 8,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये करने का भी फैसला किया.

फैसल का केन्द्रीय मंत्री आठवले ने किया स्वागत:

केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा, “मुझे लगता है कि महायुति सरकार सभी धर्मों के लोगों का सम्मान करती है फिर चाहे वह हिंदू, मुस्लिम, बौद्ध, ईसाई या फिर अन्य किसी भी धर्म के हों.मदरसा शिक्षकों के पारिश्रमिक में वृद्धि का निर्णय एक अच्छी बात है और इससे साबित होता है कि सरकार मुस्लिम विरोधी नहीं है.

रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) आठवले के प्रमुख ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आगामी राज्य विधानसभा चुनावों में पार्टी कितनी सीट पर लड़ेगी, यह सवाल बरकरार है और इस पर जल्द ही फैसला किया जाना चाहिए.

आठवले की पार्टी ‘महायुति’ गठबंधन का हिस्सा है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) शामिल है.

जानें संजय राउत ने क्या कहा:

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि मदरसा शिक्षकों के मानदेय और वेतन में बढ़ोतरी करने का फैसला क्या ‘वोट जिहाद’ नहीं है. राउत ने आरोप लगाया कि ‘मुख्यमंत्री लाडकी बहिन योजना’ जैसी योजनाओं का कार्यान्वयन और मौलाना आजाद वित्तीय निगम की कार्यशील पूंजी को 700 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1,000 करोड़ रुपये किया जाना चुनावी गणित को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है.