मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) के नासिक (Nashik) में कोरोना वायरस (Coronavirus) के डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) से 30 लोग संक्रमित पाए गए हैं. इनमें से 28 मरीज ग्रामीण इलाकों में रहते हैं. वहीं, महाराष्ट्र का भंडारा जिला कोरोना वायरस संक्रमण से पूरी तरह मुक्त हो गया है. महाराष्ट्र: बीजेपी का विरोध प्रदर्शन, आम लोगों को लोकल ट्रेनों में यात्रा की अनुमति देने की मांग
नासिक जिला अस्पताल (Nashik District Hospital) के सर्जन डॉ किशोर श्रीनिवास (Dr Kishore Shrinivas) ने बताया कि संक्रमितों के नमूनों को जीनोम अनुक्रमण (Genome Sequencing) के लिए पुणे (Pune) भेजा गया था, जांच के बाद 30 लोग डेल्टा वेरियंट से पॉजिटिव पाए गए.
महाराष्ट्र में कल कोरोना वायरस के 5539 नए मामले आए और 5859 मरीज़ ठीक हुए, जबकि इस अवधि में संक्रमण से 187 लोगों की मौतें हुईं. राज्य में अभी सक्रिय मामले 74,483 है. बा तक इस घातक वायरस की चपेट में 63,41,759 लोग आ चुके है, जिनमें से 1,33,717 की मौत हो गई है और 61,30,137 महामारी के चंगुल से बाहर आ चुके है.
Maharashtra | 30 people have been infected with Delta variant in Nashik. 28 patients are from rural areas. We sent the samples to Pune for genome sequencing after which they were tested positive for Delta variant: Dr Kishore Shrinivas, Surgeon in Nashik district hospital (06.08) pic.twitter.com/h10FGpoHti
— ANI (@ANI) August 7, 2021
15 महीनों के बाद कोरोना से मुक्त हुआ भंडारा जिला
भंडारा जिले में कोविड-19 के एकमात्र मरीज को ठीक होने के बाद शुक्रवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी. इसके बाद स्थानीय जिला प्रशासन के मुताबिक कोविड-19 का कोई नया मरीज सामने नहीं आया. जिला सूचना अधिकारी के मुताबिक भंडारा जिले में कोविड-19 से संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाकर उनकी जांच करने के बाद बेहतर प्रबंधन के साथ इलाज किया गया और सभी के सामूहिक प्रयासों से ही 15 महीनों के बाद जिला कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त हो सका है.
17 अगस्त से कुछ और स्कूल होंगे शुरू
महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि ग्रामीण इलाकों में पांचवीं से सातवीं और शहरी इलाकों में आठवीं से 12वीं तक की कक्षाओं के लिए प्रत्यक्ष कक्षाएं 17 अगस्त से शुरू होंगी. स्कूल शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने मुंबई में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के बाद कहा, ‘‘ग्रामीण क्षेत्रों में जहां आठवीं से 12वीं की कक्षाएं पहले ही शुरू हो चुकी थीं, वहां पांचवीं से सातवीं की कक्षाएं भी शुरू होंगी. शहरी क्षेत्रों में जहां कोई प्रत्यक्ष कक्षाएं नहीं चल रही थीं, वहां पहले कक्षा आठवीं से 12वीं तक की कक्षाएं फिर से शुरू की जाएंगी.’’
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि यह उन इलाकों में लागू होगा जहां लगातार कोविड-19 के कम मामले आ रहे हैं. गायकवाड़ ने कहा, ‘‘प्रत्येक क्षेत्र के लिए समितियां बनायी जाएंगी, जो यह तय करेगी कि विभिन्न कक्षाओं के लिए स्कूल खोलना है या नहीं.’’
कम संक्रमण दर वाले जिलों में कक्षा सातवीं से 12वीं तक की कक्षाओं की अनुमति पहले से ही है. इनमें से अधिकांश जिले विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्रों में हैं. लेकिन यह रियायत मुंबई और पुणे जैसे शहरी क्षेत्रों में नहीं दी गयी थी क्योंकि वहां कोविड-19 मामलों की संख्या अधिक थी.