देश मे ई-संजीवनी से परामर्श लेने में दूसरे पायदान पर उत्तर प्रदेश, लोगों में डिजिटल सेवाओं का बढ़ा क्रेज
डॉक्टर/कोरोना (Photo Credits: Twitter)

लखनऊ, 18 दिसंबर: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य के पिछड़ेपन के तमगे को पीछे छोड़ते हुए हर क्षेत्र में रिकॉर्ड रच रहा है. इससे देश दुनिया मे उप्र की छवि बदल रही है. कोरोना (Coronairus) काल में स्वास्थ्य विभाग के ई संजीवनी के माध्यम से डॉक्टरों से परामर्श लेने में देश में यूपी दूसरे पायदान पर आ गया है. ये इस बात का सबूत है कि यहां के लोगों में डिजिटल सेवाओं का क्रेज बढ़ा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कोरोना का कहर शुरू होने के बाद से ही स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर राज्य स्तर पर रोजाना उच्चस्तरीय बैठक की शुरूआत की थी. तबसे यह क्रम लगातार जारी है.

स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ोतरी से लेकर लोगों को अधिक से अधिक सुविधाएं घर बैठे ही मिले, इसके लिए भी विशेष प्रयास शुरू किए गए. नतीजतन ई संजीवनी के माध्यम से प्रदेश में रोजाना 4000 से ज्यादा लोग टेली कंसल्टेशन की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं. प्रदेश में ई संजीवनी सेवा की शुरूआत से 16 दिसंबर तक 2,80,552 लोग परामर्श ले चुके हैं. 16 दिसंबर को ई संजीवनी ओपीडी के माध्यम से 4,184 लाभार्थियों को चिकित्सकीय परामर्श दिया गया है.

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प्रदेश में ई संजीवनी सेवा रोजाना सुबह नौ से शाम पांच बजे तक (रविवार को छोड़कर) उपलब्ध रहती है. इसमें सामान्य और विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श लिया जा सकता है. ई संजीवनी ओपीडी के तहत 500 से अधिक एमबीबीएस और 40 विशेषज्ञ डॉक्टर सेवा देने के लिए उपलब्ध हैं. कंसल्टेंसी सेवा का लाभ लेने के लिए अपने स्मार्टफोन में ई संजीवनी एप्लीकेशन डाउनलोड कर किया जा सकता है. जिन लोगों के पास स्मार्टफोन नहीं हैं, वह अपने नजदीकी क्रियाशील हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर उपलब्ध कम्यूनिटी हेल्थ आफिसर के माध्यम से चिकित्सकीय परामर्श ले सकते हैं.

सरकार द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, राज्यवार ई संजीवनी ओपीडी में लाभ लेने वालों की संख्या इस प्रकार है.

तमिलनाडु - 3,19,507

उत्तर प्रदेश - 2,68,889

मध्य प्रदेश - 70,838

गुजरात - 63,601

केरल - 62,797

हिमाचल प्रदेश - 49,224

आंध्र प्रदेश - 39,853

कर्नाटक - 32,693

उत्तराखंड - 31,910

महाराष्ट्र - 12,635

यूपी के 10 टॉपटेन जिले जहां लोगों ने इस सेवा का लाभ लिया उनमें मेरठ (22,655), रायबरेली (21,357), जालौन (21,083), सिद्धार्थनगर (16,878), बहराईच (13,951), प्रयागराज (13,186), फैजाबाद (11,057), बुलंदशहर (10,724), गोरखपुर (8,575), हरदोई (8,074) शामिल हैं.